टेलीकॉम सेक्टर में बड़ा उलटफेर, BSNL की वापसी ने इन कंपनियों की बढ़ाई परेशानी!
August 2025 Telecom Sector: भारत के टेलीकॉम सेक्टर में अगस्त (2025) के महीने में कई चौंकाने वाले बदलाव देखने को मिले हैं। जहां देश की बड़ी निजी कंपनियां Jio और Airtel ने अपने ग्राहकों की संख्या में इजाफा किया, वहीं सरकारी कंपनी BSNL ने भी जबरदस्त वापसी की है। दूसरी ओर, Vodafone Idea (Vi) की स्थिति और बिगड़ती नजर आ रही है।
BSNL Subscriber Gain: BSNL की जबरदस्त वापसी
सरकारी टेलीकॉम कंपनी BSNL ने अगस्त 2025 में 13.85 लाख नए मोबाइल ग्राहक जोड़े, जो कि एक लंबे समय बाद कंपनी के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। हाल ही में BSNL ने भारत में अपनी 4G सेवाओं की शुरुआत की है, जिसका असर अब ग्राहकों की संख्या में देखने को मिल रहा है। यह बढ़त BSNL के लिए सकारात्मक संकेत है और इससे कंपनी को दोबारा मार्केट में मजबूत पकड़ बनाने का मौका मिल सकता है।
Vi subscriber loss: Vodafone Idea की हालत और खराब
जहां एक ओर BSNL ने तेजी से ग्रोथ की है, वहीं Vodafone Idea (Vi) को अगस्त में बड़ा झटका लगा है। कंपनी ने 3.09 लाख मोबाइल ग्राहक खो दिए। पहले से ही भारी कर्ज, नेटवर्क समस्याएं और AGR (Adjusted Gross Revenue) बकाया जैसी परेशानियों से जूझ रही कंपनी के लिए यह और मुश्किलें खड़ी कर सकता है। ग्राहकों के लगातार कम होने से Vi की बाजार हिस्सेदारी भी घटती जा रही है।
Performance of Jio and Airtel
Reliance Jio ने हमेशा की तरह अगस्त में भी सबसे ज्यादा 19.49 लाख नए मोबाइल ग्राहक जोड़े, जिससे वह 41% से ज्यादा मार्केट शेयर के साथ भारत की नंबर वन टेलीकॉम कंपनी बनी हुई है। हालांकि, कंपनी को वायरलाइन सेवाओं में झटका लगा है, जहां 15.51 लाख यूजर्स ने सेवा छोड़ी है। वहीं, Bharti Airtel ने भी मोबाइल क्षेत्र में 4.96 लाख नए ग्राहक जोड़े हैं और साथ ही वायरलाइन सेगमेंट में भी 1.08 लाख यूजर्स बढ़ाए हैं। Airtel धीरे-धीरे अपने वायरलाइन बिज़नेस को भी मज़बूत बना रहा है।
August 2025 Telecom Sector Update: भारत का टेलीकॉम यूजर बेस और संभावनाएं
TRAI के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, अगस्त 2025 तक भारत में कुल मोबाइल सब्सक्राइबर बेस 116.7 करोड़ तक पहुंच चुका है। इसमें 56% ग्राहक शहरी क्षेत्रों से हैं (यानि करीब 686.79 मिलियन), जबकि 44% ग्रामीण क्षेत्रों (537.75 मिलियन) से जुड़े हैं। वहीं टेलीडेंसिटी के लिहाज से शहरी इलाकों में यह आंकड़ा 134% तक पहुंच चुका है, यानी यहां की मोबाइल सेवाएं लगभग पूरी तरह संतृप्त हो चुकी हैं। इसके उलट, ग्रामीण भारत में टेलीडेंसिटी अभी 59.31% है, जिससे साफ है कि गांवों में टेलीकॉम कंपनियों के लिए आगे अभी भी बहुत संभावनाएं बाकी हैं।
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