AUS vs IND: नीतीश कुमार रेड्डी बनेंगे भारत टीम के अगले हार्दिक पांड्या!
नीतीश रेड्डी की बल्लेबाजी ने जीता दिल, गेंदबाजी में सुधार की जरूरत
युवा नितीश कुमार रेड्डी का नाम फिलहाल भारत में हर घर में नहीं लिया जाता, लेकिन अगर उन्होंने हालिया प्रदर्शन को जारी रखा, तो वह दिन दूर नहीं जब वह लाखों दर्शकों की नजरों में छा जाएंगे। ऑस्ट्रेलिया में, वह अपनी सादगी और जबरदस्त शॉट्स के चलते पहले ही एक छोटे स्टार बन चुके हैं। शुक्रवार को एडिलेड ओवल पर उनकी शानदार बल्लेबाजी ने सभी का ध्यान खींचा।
आईपीएल से टेस्ट क्रिकेट तक का सफर
नितीश पूरी तरह से आईपीएल के प्रोडक्ट नहीं हैं, लेकिन उन्होंने उस मंच का इस्तेमाल अपने खेल को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए जरूर किया। पर्थ में अपने टेस्ट डेब्यू पर उन्होंने दोनों पारियों में शानदार प्रदर्शन किया। पहली पारी में उन्होंने नाथन लायन को समझदारी से खेला और दूसरी पारी में विरोधी टीम की रणनीति को ध्वस्त करते हुए 27 गेंदों पर नाबाद 38 रन बनाए।
यह सफर नितीश के लिए किसी सपने से कम नहीं है। आठ महीने पहले शायद उन्होंने खुद भी यह नहीं सोचा होगा कि वह साल के अंत तक टेस्ट डेब्यू कर लेंगे, और वह भी ऑस्ट्रेलिया में। 21 फर्स्ट-क्लास मैचों में 20 के औसत से खेलने वाले नितीश ने आईपीएल 2024 में ऐसा प्रदर्शन किया जिसने चयनकर्ताओं का ध्यान खींचा। वह सनराइजर्स हैदराबाद के लिए सितारे बनकर उभरे और अपनी ऑलराउंड क्षमता के दम पर टेस्ट टीम में जगह बनाई।
बॉलिंग में सुधार की जरूरत, बैटिंग में धमाल
बॉलिंग के मामले में नितीश अभी सीखने की प्रक्रिया में हैं, लेकिन उनकी बल्लेबाजी ने हर किसी को चौंका दिया है। एडिलेड में दूसरे टेस्ट के पहले दिन उन्होंने फिर से साबित किया कि वह दबाव में भी शांत और समझदारी से खेल सकते हैं।
दूसरे टेस्ट में नितीश का जादू
पहले टेस्ट में नितीश ने 73/6 की मुश्किल स्थिति में 41 रन बनाकर भारत को 150 के स्कोर तक पहुंचाया था। दूसरे टेस्ट में भी हालात अलग नहीं थे, जब भारत 87/5 पर संघर्ष कर रहा था। इस बार उन्हें एक स्थान ऊपर प्रमोशन मिला, और उन्होंने इसे सही साबित किया।
रवि अश्विन और ऋषभ पंत के आउट होने के बाद जब भारत 141/8 पर था, तो नितीश ने मोर्चा संभाला। उन्होंने सिंगल्स लेने से मना कर दिया, भले ही कप्तान जसप्रीत बुमराह नॉन-स्ट्राइकर छोर पर बेसब्र दिख रहे थे। नितीश ने अपनी पारी में शानदार शॉट्स खेले, जिसमें मिचेल स्टार्क की गेंद पर कवर्स के ऊपर से लगाया गया छक्का खास था। यह शॉट 2018 में केएल राहुल द्वारा खेले गए एक शॉट की याद दिलाता है, लेकिन फर्क यह है कि राहुल उस समय चार साल के टेस्ट अनुभव वाले खिलाड़ी थे, जबकि नितीश अभी सिर्फ शुरुआत कर रहे हैं।
21 साल के इस खिलाड़ी ने दिखा दिया है कि उनके पास न केवल प्रतिभा है, बल्कि टेस्ट क्रिकेट में टिकने के लिए समझदारी और संयम भी है। उनकी शानदार बल्लेबाजी और खेल के प्रति गंभीरता भारतीय क्रिकेट को एक नई दिशा देने का वादा करती है। अगर वह इसी तरह खेलते रहे, तो नितीश रेड्डी को अगला बड़ा भारतीय ऑलराउंडर बनने से कोई नहीं रोक सकता।