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स्वस्तिक से होता है घर में मांगलिक कार्यों का प्रवेश, जानें इसे बनाने के नियम

04:36 PM Dec 06, 2023 IST | Astrologer Satyanarayan Jangid

जिस प्रकार से आंवला हजार रोगों की दवा है उसी तरह से स्वस्तिक भी हजारों दोषों को दूर करने की क्षमता रखता है। विशेष रूप से स्वस्तिक सगाई-विवाह में देरी, घर में मानसिक तनाव, बुरी आदतें और घर में बरकत नहीं होना जैसी समस्याओं के निराकरण के लिए उपयोग किया जाना चाहिए। इनके अतिरिक्त भी घर या व्यावसायिक स्थान पर स्वस्तिक का होना अनेक प्रकार की समस्याओं के निराकरण के लिए रामबाण है। जो बिजनेस धीरे चल रहा है उसके उपाय के लिए भी स्वास्तिक बहुत अच्छा काम करता है। निम्न बातों को ध्यान में रखते हुए स्वास्तिक का अंकन करना चाहिए।

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स्वस्तिक एक ऐसा आध्यात्मिक चिह्न है जो स्वयं में अद्भुत शक्तियाँ समाहित किए हुए है। जिस प्रकार से हम इसे उकेरते है उसी भाव से यह हमें परिणाम देता है। सामान्य मांगलिक कार्य के लिए स्वस्तिक को अष्टगंध, हल्दी, कुंकुम या फिर सिन्दूर से उकेरना चाहिए। घर के अंदर ज्यादा से ज्यादा 4 इंच का स्वस्तिक बनाएँ। मुख्य द्वार के दोनों तरफ यदि स्वस्तिक बनाएँ तो वह ज्यादा से ज्यादा 6 इंच का होना चाहिए। विशेष सफलता प्राप्त करने के लिए संभव हो तो स्वस्तिक को हमेशा गुरुवार या शुक्रवार को उकेरना चाहिए। स्वस्तिक को हमेशा अनामिका अंगुली से बनाया जाना चाहिए।

विशेष अवसरों के अतिरिक्त स्वस्तिक को हमेशा जमीन से 3 फीट से अधिक ऊंचा होना चाहिए। यदि रंगों के प्रयोग से स्वस्तिक निर्मित करना हो तो लाल रंग का अधिकतम इस्तेमाल होना चाहिए। सजावट के लिए पीला और केसरिया काम में ले सकते हैं। काले रंग का प्रयोग स्वस्तिक बनाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबंधित है।

Astrologer Satyanarayan Jangid
WhatsApp: 91 6375962521

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