जेट संकट से विमानन क्षेत्र का प्रदर्शन सबसे कमजोर
उड़ानें रद्द होने के कारण मार्च में जेट एयरवेज की बाजार हिस्सेदारी घटकर 4.6% रह गयी। इससे पहले जनवरी में यह आँकड़े 11.9% और फरवरी में 11.33 प्रतिशत रहा था।
नई दिल्ली : वित्तीय संकट से जूझ रही निजी विमान सेवा कंपनी जेट एयरवेज की उड़ानें बड़ी संख्या में रद्द होने के कारण मार्च में देश के विमानन क्षेत्र का प्रदर्शन 68 महीने के निचले स्तर पर आ गया और यात्रियों की संख्या बढ़ने की रफ्तार घटकर 0.14 प्रतिशत रह गयी। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) द्वारा शुक्रवार को जारी आँकड़े के अनुसार, मार्च में घरेलू मार्गों पर यात्रियों की संख्या एक करोड़ 15 लाख 96 हजार रही जो मार्च 2018 के एक करोड़ 15 लाख 80 हजार की तुलना में 0.14 प्रतिशत अधिक है।
यात्रियों की संख्या की वृद्धि दर सितम्बर 2014 से 2018 के अंत तक लगातार दहाई अंक में रही थी। हालाँकि हाल के महीनों में इसकी रफ्तार काफी कम रह गयी थी। उड़ानें रद्द होने के कारण मार्च में जेट एयरवेज की बाजार हिस्सेदारी घटकर 4.6 प्रतिशत रह गयी। इससे पहले जनवरी में यह आँकड़े 11.9 प्रतिशत और फरवरी में 11.33 प्रतिशत रहा था।
इंडिगो की बाजार हिस्सेदारी सबसे ज्यादा रही 46.9 प्रतिशत रही। लंबे समय बाद उसने 45 प्रतिशत का आँकड़े पार किया है। किफायती विमान सेवा कंपनी स्पाइसजेट 13.6 प्रतिशत के साथ दूसरे और सरकारी विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया 13.1 प्रतिशत के साथ तीसरे स्थान पर रही। गोएयर की बाजार हिस्सेदारी बढ़कर 9.9 प्रतिशत, एयर एशिया की 5.9 प्रतिशत और विस्तारा की 4.2 प्रतिशत पर पहुँच गयी।