पदाधिकारी पार्टी के खिलाफ सोशल मीडिया पर टिप्पणी करने से बचें : ठाकरे
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने गुरुवार को कहा कि पदाधिकारियों को पार्टी के खिलाफ सोशल मीडिया पर किसी तरह की टिप्पणा करने से बचना चाहिए और अच्छे कार्यों के बारे में इस प्लेट फॉर्म पर जानकारी देनी चाहिए।
04:52 PM Jan 23, 2020 IST | Shera Rajput
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने गुरुवार को कहा कि पदाधिकारियों को पार्टी के खिलाफ सोशल मीडिया पर किसी तरह की टिप्पणा करने से बचना चाहिए और अच्छे कार्यों के बारे में इस प्लेट फॉर्म पर जानकारी देनी चाहिए।
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श्री ठाकरे ने कहा कि पार्टी के पदाधिकारी पार्टी के खिलाफ सोशल मीडिया (फेसबुक-ट्वीटर) पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। आप लोग अच्छा काम करो और उसे सोशल मीडिया में डालो। यदि किसी ने भी पार्टी के खिलाफ सोशल मीडिया पर कुछ भी लिखा तो उसे पद से हटा दिया जायेगा।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार के जो महत्वपूर्ण विभाग हैं उस पर नजर रखने के लिए हम अपनी पार्टी के अंदर लोगों को नियुक्त करेंगे। पार्टी का झंडा बदलने के संबंध में उन्होंने कहा कि जब वर्ष 2006 में उन्होंने पार्टी की स्थापना की थी तब से उनके दिमाग में यही झंडा था लेकिन उस समय लोगों ने सलाह दी थी कि झंडे में कई रंग रखे जाये ।
उन्होंने कहा कि आज जो झंडा आया है उसे लाने के लिए पिछले एक वर्ष से मेरे दिमाग में झंडा बदलने की बात चल रही थी। उल्लेखनीय है कि मनसे ने पार्टी का नया झंडा बनाया है जिसमें छत्रपति शिवाजी महाराज के समय की शही मुद्रा को अंकित किया गया है।
श्री ठाकरे ने पश्चिमी उपनगर गोरेगांव में एक जनसभा को संबोधित करते हुए पूछा कि पार्टी का नया झंडा पसंद आया कि नहीं। उन्होंने 25 मार्च को गुड़ पड़वा के दिन शिवाजी पार्क में जनसभा करने की घोषणा की।
श्री ठाकरे ने कहा कि झंडे की शाही मुद्रा हमारे लिए प्रेरणा दायक है और यह कोई सामान्य झंडा नहीं है इसलिए इसे कहीं भी फेंक मत देना। उन्होंने कहा कि चुनाव का हमारा अलग झंडा है। चुनाव के समय नया झंडा उपयोग में नहीं लाया जायेगा।
उन्होंने कहा,‘‘मैं मराठी के साथ ही हिंदू भी हूँ। जो सच्चे मुसलमान हैं उनका मैं सम्मान भी करता हूँ। जैसे अब्दुल हमीद, जावेद अख्तर और पूर्व राष्ट्रपति एपी)जी अब्दुल कलाम के काम कोई नकार नहीं सकता।’’
श्री ठाकरे ने कहा कि आज नहीं मैने पहले भी भारत में पाकिस्तानी कलाकारों को बुलाने का विरोध किया था यही नहीं मैने पहले भी मांग की थी कि पाकिस्तान को जाने वाली समझौता ट्रेन और बसें बंद कर दो। हमें पाकिस्तान से कोई संबंध नहीं रखना चाहिए। तब किसी ने नहीं पूछा कि आप हिंदुत्व की ओर झुक रहे हैं लेकिन आज झंडे पर लोग इस तरह के सवाल उठा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सभी धर्म के लोगों को भारत में अपना धर्म पालन करने की आजादी है। हिंदू आरती करते हैं लेकिन इससे किसी को परेशानी नहीं होती उसी तरह मुसलमानों को नमाज पढ़ना है तो पढ़ किसने रोका है लेकिन लाउडस्पीकर को बंद करें क्योंकि इससे दूसरे लोगों को परेशानी होती है।
मनसे प्रमुख ने बड़ तल्ख लहजे में कहा कि पाकिस्तान और बांग्लादेश से बड़ी संख्या में मुसलमान आ कर भारत में रह रहे हैं इन्हें तुरंत भारत से निकाल दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मामले में कड़े रूख अपनाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि यदि हमें थोड़ तकलीफ होती है तो भी हमें एनआरसी का समर्थन करना चाहिए। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) पर मैं केन्द, सरकार का समर्थन करता हूँ।
श्री ठाकरे ने कहा, ‘‘बंगलादेशी 2500 रूपये देकर भारत में घुस जाते हैं और पाकिस्तानी नेपाल के रास्ते भारत में आते हैं। भारत कोई धर्मशाला है क्या कि जिसका मन करता है वही यहां चला आता है। पुलिस को इन सभी लोगों की जानकारी है और इनकी मदद कौन कर रहा है इसकी भी जानकारी है।
पुलिस को छूट दे दो वे इन्हें यहां से खदेड़ देंगे।’’ उन्होंने कहा कि सीएए के मामले में मुसलमान बड़ संख्या में रास्ते में आंदोलन कर रहे हैं क्योंकि कश्मीर से धारा 370 के हटाये जाने और राम मंदिर के निर्णय का गुस्सा अब सीएए पर फूटता हुआ दिख रहा है। धरने प्रदर्शन का जवाब भी इसी लहजे में दिया जायेगा।
मनसे प्रमुख ने कहा कि वह नौ फरवरी को आजाद मैदान में मुसलमानों के प्रदर्शन के विरोध में प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि सिर्फ विरोध के लिए मैने कभी भी विरोध नहीं किया और ना ही झंडा बदलने से हमारा मन बदला है, मैं वही पुराना राज ठाकरे आज भी हूँ।
श्री ठाकरे ने कहा कि मैने गलत होने पर प्रधानमंत्री नरेन्द मोदी की भी आलोचना की थी लेकिन कश्मीर से धारा 370 और सीएए पर मैने सराहना करते हुए कहा था कि आज के दिन स्वर्गीय बाल ठाकरे को होना चाहिए था।
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