For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

बांग्लादेश में लोकतंत्र की मांग, अवामी लीग समर्थकों का प्रदर्शन

यूनुस सरकार के खिलाफ अवामी लीग समर्थकों का गुस्सा

01:55 AM May 20, 2025 IST | IANS

यूनुस सरकार के खिलाफ अवामी लीग समर्थकों का गुस्सा

बांग्लादेश में लोकतंत्र की मांग  अवामी लीग समर्थकों का प्रदर्शन

बांग्लादेश में अवामी लीग के समर्थकों ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया, मांग की कि देश में लोकतंत्र बहाल हो। उन्होंने कहा कि मोहम्मद यूनुस की सरकार ने अवामी लीग पर अवैध प्रतिबंध लगाया है। प्रदर्शनकारियों ने संयुक्त राष्ट्र से अपील की कि वह चुनावी प्रक्रिया में सभी को शामिल कर, अवामी लीग पर से प्रतिबंध हटाए।

बांग्लादेश में अवामी लीग पर प्रतिबंध लगाए जाने के विरोध में उसके समर्थकों ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। उन्होंने मांग की कि संयुक्त राष्ट्र यह सुनिश्चित करे कि देश में लोकतंत्र फिर से कायम हो। यूएसए अवामी लीग के अध्यक्ष सिद्दीक रहमान ने कहा, “मोहम्मद यूनुस की गैरकानूनी सरकार ने अवामी लीग पर प्रतिबंध लगा दिया है, जबकि यह एक कानूनी और लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई पार्टी है। उन्होंने कहा कि अगर चुनाव संयुक्त राष्ट्र की मंशा के मुताबिक सभी को साथ लेकर कराए जाने हैं, तो अवामी लीग से प्रतिबंध हटाया जाना चाहिए और उसे चुनाव में हिस्सा लेने की अनुमति मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि लोकतंत्र बहाल हो। रहमान ने कहा कि भले ही यूनुस को नोबेल पुरस्कार मिला हो, लेकिन अब वह एक तानाशाह बन गए हैं। वह बिना चुनाव के सरकार चला रहे हैं और उन्होंने एक चुनी हुई वैध सरकार को हटा दिया है।

पाकिस्तान के बाद बांग्लादेश पर भारत ने लिया एक्शन, गारमेंट्स और फूड के आयात पर लगाया बैन

विरोध प्रदर्शन में बोलने वालों ने कहा कि अमेरिका को बांग्लादेश में लोकतंत्र फिर से बहाल करने की मांग करनी चाहिए। यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने आतंकवाद विरोधी कानून के तहत अवामी लीग पर प्रतिबंध लगा दिया था। पिछले सप्ताह बांग्लादेश चुनाव आयोग ने पार्टी का पंजीकरण रद्द कर दिया, जिससे वह चुनाव में भाग लेने के लिए अयोग्य हो गई।बांग्लादेश ने चुनाव की तारीख तय नहीं की है।

विरोध प्रदर्शन के आयोजक प्रदीप कर ने कहा कि उन्होंने अपनी मांगों के साथ संयुक्त राष्ट्र को एक पत्र सौंपा है। उन्होंने कहा कि शेख हसीना ‘वैध प्रधानमंत्री हैं’, जबकि यूनुस ने “जमात-ए-इस्लामी और आतंकवादियों” की मदद से सत्ता हासिल की है।

Advertisement
Advertisement
Advertisement
×