Axiom-4 Mission: 41 साल बाद भारत ने रचा इतिहास, शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष में भरी उड़ान
Axiom-4 Mission: भारत इतिहास रचने के लिए तैयार है। 41 साल बाद भारत के लाल शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष में उड़ान भरी है। शुभांशु शुक्ला और 3 अन्य यात्रियों को लेकर एक्सिओम 4-मिशन (Axiom-4 Mission) अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा के लिए रवाना हो गया। मिशन की लॉन्चिंग दोपहर 12.01 बजे कर दी गई थी। यह मिशन Axiom Space नाम की निजी कंपनी चला रही है, जिसमें SpaceX और NASA का भी सहयोग है।
7 बार स्थगित हो चुका है Axiom-4 Mission
एक्सिओम-4 मिशन को इससे पहले 7 बार स्थगित किया जा चुका है। इससे पहले, एक्सिओम-4 मिशन के प्रक्षेपण में कई बार देरी हो चुकी है, पहले खराब मौसम के कारण और फिर स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट और बाद में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के रूसी मॉड्यूल में लीक का पता चलने के कारण। पहले इसे 29 मई को लॉन्च किया जाना था फिर इसे 8 जून, 10 जून और 11 जून के लिए टाल दिया गया। अब आखिरकार दोपहर 12.01 बजे इसे लॉन्च किया गया।
फ्लोरिडा के कैनेड स्पेश सेंटर से हुआ लॉन्च
लॉन्च से पहले अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने कहा, "नासा, एक्सिओम स्पेस और स्पेसएक्स अब अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए चौथे प्राइवेट अंतरिक्ष यात्री मिशन, एक्सिओम मिशन 4 के प्रक्षेपण के लिए आज बुधवार, 25 जून को भारतीय समयानुसार दोपहर 12.01 बजे का टारगेट सेट कर रहे हैं।" यह मिशन फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर में लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39ए से उड़ान भरेगा।
कल शाम में होगी डॉकिंग
कंपनी के फालक्न 9 रॉकेट पर लांच होने के बाद चालक दल एक स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान पर ओरबिटिंग लैबोरेटरी की यात्रा करेगा। नासा ने अपने बयान में कहा कि डॉकिंग का लक्षित समय कल यानी गुरुवार को शाम 4.30 बजे के आसपास है। नासा की पूर्व अंतरिक्ष यात्री और एक्सिओम स्पेस में मानव अंतरिक्ष उड़ान की निदेशक पैगी व्हिटसन इस वाणिज्यिक मिशन की कमान संभालेंगी, जबकि इसरो के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला पायलट के रूप में काम करेंगे। इनके अलावा, 2 मिशन विशेषज्ञ पोलैंड के ईएसए (यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी) परियोजना के अंतरिक्ष यात्री स्लावोज उज्नान्स्की-विस्नीव्स्की और हंगरी के हुनोर (हंगेरियन टू ऑर्बिट) के अंतरिक्ष यात्री टिबोर कापू हैं।
राकेश शर्मा के बाद दूसरे भारतीय ने रचा इतिहास
राकेश शर्मा दूसरे भारतीय बने हैं, जिसने अंतरिक्ष में अपनी छाप छोड़ी है और देश को गर्वित किया है। 1984 में विंग कमांडर राकेश शर्मा ने सोवियत संघ के सोयूज टी-11 मिशन के तहत अंतरिक्ष में कदम रखा था। उन्होंने अंतरिक्ष में भारतीय ध्वज लहराया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से बातचीत में उन्होंने कहा था कि 'सारे जहां से अच्छा'। यह भारत के लिए गर्व का पहला पल था। अब 41 साल बाद शुभांशु शुक्ला इस विरासत को आगे बढ़ाने जा रहे हैं।
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