Ayodhya Case : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अयोध्या विवादित मामले में आडवाणी समेत 32 को किया बरी
06:46 PM Nov 09, 2022 IST | Desk Team
अयोध्या विवादित ढांचा मामले में आडवाणी को राहत मिली है इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आडवाणी,मुरली मनोहर जोशी ,उमा भारती ,कल्याण सिंह समेत 32 को बरी कर दिया है । बता दें सीबीआई की विशेष अदालत ने 30 सितंबर 2020 को सभी आरोपियों को बरी कर दिया था । जिसमें कहा गया था कि मस्जिद को गिराने की योजना नहीं बनी थी ,न ही कोई साजिश थी इस याचिका पर जस्टिस रमेश सिन्हां और जस्टिस सरोज यादव की पीठ ने 31 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित कर दिया था। बरहाल अब हाईकोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया है। अब सभी आरोपियों को बरी कर दिया है
याचिका खारिज करने वाले हाजी महमूद अहमद और सैयद अखलाक अहमद की तरफ से दायर की गई थी इन्होंने दावा किया था कि वह दोनों 6 दिसंबर 1992 विवादित ढांचा मामले के गवाह है इस घटना में उनका घर जल गाया था। इसके वो खुद साक्षी रहे हैं इसलिए वो कोर्ट के फैसले से संतुष्ट नहीं है उनका कहना है जांच एजेंसी ने आरोपियों को बचाने में सहयोग किया था। पीड़ित पक्ष का यह भी कहना है कि पुलिस और सीबीआई से मदद नहीं मिली।
क्या था पूरा मामला
हिंदू मुसलमान समुदायों में अयोध्या की बाबरी मस्जिद को लेकर विवाद हुआ था हिंदूवादी नेताओं ने दावा था कि मस्जिद श्रीमान जन्मभूमि पर बने मंदिर को तोड़कर बनी है। मस्जिद को 1528 में बाबर के कमांडर मीर बाकी ने बनवाया था इस पर हिंदू और मुस्लिम दोनों ही अपना दावा ठोकते थे । 1885 से ही यह मामला अदालत में था 1990 के दशक में बीजेपी नेता आडवाणी के नेतृत्व में राम मंदिर आंदोलन जोर पकड़ने लगा था।
याचिका खारिज करने वाले हाजी महमूद अहमद और सैयद अखलाक अहमद की तरफ से दायर की गई थी इन्होंने दावा किया था कि वह दोनों 6 दिसंबर 1992 विवादित ढांचा मामले के गवाह है इस घटना में उनका घर जल गाया था। इसके वो खुद साक्षी रहे हैं इसलिए वो कोर्ट के फैसले से संतुष्ट नहीं है उनका कहना है जांच एजेंसी ने आरोपियों को बचाने में सहयोग किया था। पीड़ित पक्ष का यह भी कहना है कि पुलिस और सीबीआई से मदद नहीं मिली।
क्या था पूरा मामला
हिंदू मुसलमान समुदायों में अयोध्या की बाबरी मस्जिद को लेकर विवाद हुआ था हिंदूवादी नेताओं ने दावा था कि मस्जिद श्रीमान जन्मभूमि पर बने मंदिर को तोड़कर बनी है। मस्जिद को 1528 में बाबर के कमांडर मीर बाकी ने बनवाया था इस पर हिंदू और मुस्लिम दोनों ही अपना दावा ठोकते थे । 1885 से ही यह मामला अदालत में था 1990 के दशक में बीजेपी नेता आडवाणी के नेतृत्व में राम मंदिर आंदोलन जोर पकड़ने लगा था।
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