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अयोध्या (Ayodhya) के भव्य श्रीराम मंदिर के गर्भगृह में रामलला को स्थापित कर दिया गया है। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए तैयारी की जा चुकी है।इस मौके पर जगद्गुरू रामभद्राचार्य ने खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि मुझे ऐसा लग रहा है जैसे भगवान श्रीराम 14 वर्षों के बाद एक बार फिर वन से वापस आ रहे हैं।
इस मौके पर उन्होंने भगवान श्रीराम के सौंदर्य को शब्दों में वर्णन किया।रामभद्राचार्य के सांसारिक नेत्र नहीं हैं लेकिन उनके भक्त मानते हैं कि वह अपने दिव्य चक्षुओं से सबकुछ देख लेते हैं।प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा है कि मुझे वही महसूस हो रहा है जो वशिष्ठ जी को महसूस हुआ था जब राम जी 14 साल के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे। जगद्गुरु ने रामलला के 'मुखमंडल' के बारे में बोलते समय एक भक्ति गीत भी गाया है और इसका शब्दों में वर्णन किया है।

दरअसल, 22 जनवरी को होने वाली प्राण प्रतिष्ठा से तीन दिन पहले शुक्रवार को राम मंदिर में रालला की प्रतिमा का अनावरण किया गया। काले पत्थरों से तैयार की गई प्रतिमा की आंख पर पीले रंग का कपड़ा बांधा गया है। प्रतिमा को गुलाब के फूलों की माला भी पहनाई गई है। विश्व हिंदू परिषद की तरफ से रामलला की प्रतिमा की तस्वीर को जारी किया गया। रामलला की प्रतिमा खड़ी मुद्रा में है।
