आयुष्मान भारत- आयुष्मान दिल्ली
जीवन की सबसे बड़ी पूंजी धन-दौलत नहीं बल्कि अच्छा स्वास्थ्य है। अच्छा स्वास्थ्य…
जीवन की सबसे बड़ी पूंजी धन-दौलत नहीं बल्कि अच्छा स्वास्थ्य है। अच्छा स्वास्थ्य वाला जीवन में सब सुख पा सकता है। सबसे बड़ा सुख निरोगी काया को ही माना गया है। सरकारों ने विशेष रूप से मोदी सरकार ने हर नागरिक के अच्छे स्वास्थ्य के लिए और विशेष रूप से बुजुर्गों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर जो राष्ट्रव्यापी आयुष्मान भारत योजना बनाई है वह सचमुच मानवता को समर्पित है। हालांकि आयुष्मान योजना विशेष रूप से बुजुर्गों को अपने साथ जोड़ते हुए उनकी स्वास्थ्य से जुड़ी गंभीर समस्याओं को दूर करने की एक अच्छी पहल है। आयुष्मान भारत योजना जिसे प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर लांच किया गया है के तहत 70 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को रजिस्ट्रेशन होने पर 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य सुरक्षा कवर मिलता है। यह सब कुछ एक बीमे की तर्ज पर है लेकिन देश का कोई भी बुजुर्ग जो 70 से अधिक उम्र का है इस योजना का लाभ किसी भी गंभीर बीमारी की चपेट में आने पर उठा सकता है।
इस कड़ी में दिल्ली की महज 52 दिन पहले मुख्यमंत्री बनने वाली रेखा गुप्ता ने आयुष्मान भारत योजना को दिल्ली के साथ जोड़ दिया है। उन्होंने जरूरतमंदों और गरीबों को इसके साथ जोड़ते हुए 10 लाख तक का स्वास्थ्य सुरक्षा कवर प्रदान किया है। गरीबों के लिए जहां कल तक इलाज सरकारी अस्पतालों तक ही सीमित था अब सूचीबद्ध अस्पतालों में उनका इलाज हो सकेगा। मैं व्यक्तिगत रूप से इस पहल के लिए रेखा गुप्ता को बधाई देती हूं कि जिन्होंने दिल्ली को वह 35वां राज्य बनाया जहां आयुष्मान योजना गरीबों के लिए लागू कर दी गयी है। इस कड़ी में उन्होंने दो दिन पहले लाभार्थी परिवारों को आयुष्मान भारत योजना के कार्ड भी बांटे। इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा और दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना भी बधाई के पात्र हैं जिन्होंने इस आयुष्मान भारत योजना को दिल्ली में गरीबों के साथ जोड़ने के लिए काम किया है। यद्यपि रिकॉर्ड के मुताबिक दिल्ली में आने वाले 12 महीनों में 1139 आयुष्मान आरोग्य मंदिर भी खोले जायेंगे। यह भी स्वागत योग्य है। यह भी मेरी जानकारी में आया है कि दिल्ली सरकार स्वास्थ्य सुरक्षा के अलावा लाभार्थियों को पांच लाख का टॉपअप कवर भी प्रदान करेगी। यानि कि एक जरूरतमंद लाभार्थी को 10 लाख का हैल्थ कवर मिलेगा। यह देश में अपने आपमें एक मिशाल है। मैं सार्वजनिक रूप से यह बात कह सकती हूं कि बुजुर्गों की हैल्थ को लेकर चाहे वह कोई भी सरकार हो अगर कुछ करती है तो उन्हें बुजुर्गों से सम्मान के साथ-साथ आशीर्वाद भी मिलता है।
फिर भी मेरा यह व्यक्तिगत रूप से मानना है कि स्वास्थ्य को लेकर आज दिल्ली हो या देश अभी भी एक क्रांति की जरूरत है क्योंकि जहां जरूरतमंद और गरीब लोग इसमेंं शामिल किये गये हैं, अगर इस कड़ी में मध्यम वर्ग को भी शामिल कर लिया जाये तो अच्छी बात है। उनके लिए भी अगर कोई हैल्थ सुरक्षा कवर बीमा कवर की तर्ज पर किसी रियायत के साथ लागू कर दिया जाये तो अच्छी बात है। स्वास्थ्य की जरूरत तो सबको है। यह सच है कि आज की तारीख में बीमारियों से जूझना आसान नहीं है और इलाज महंगे हैं और देश में प्राइवेट अस्पतालों की भरमार बहुत ज्यादा है। हैल्थ कवर के नाम पर यद्यपि बहुत लोग प्राइवेट सैक्टर में बड़े-बड़े बीमा कराते हैं लेकिन छोटी आय वाले मध्यम वर्गीय परिवार आज भी इससे दूर हैं। हालांकि सरकारी कर्मचारियों के लिए सरकारी अस्पताल या डिसपेंसरियां या एम्स या अलग-अलग पीजीआई कार्यरत हैं और सरकार की ओर से अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं भी दी जा रही हैं परंतु मरीजों की और बीमारियों के बढ़ने को लेकर उम्मीदें भी बढ़ रही हैं। इसमें कोई शक नहीं कि जो कुछ किया जा रहा है वह बहुत अच्छा है परंतु स्वास्थ्य के क्षेत्र में जितना कर लो वह कम है।
यद्यपि देशभर के 33 हजार से ज्यादा सूचीबद्ध अस्पताल आयुष्मान भारत योजना से जुड़े हैं लेकिन 140 करोड़ की आबादी में एक बड़ा क्षेत्र प्राइवेट अस्पतालों के खाते में चला जाता है। मोदी सरकार हो या रेखा सरकार एक बात तो पक्की है कि काफी हद तक गरीबों के लिए बीमारी अब आर्थिक बोझ नहीं रही इस दर्द को समझा गया है लेकिन एक आम आदमी तक अच्छे इलाज की गुणवत्ता भी जरूरी है। इसके लिए पूरे देश को ही हर आयु वर्ग और हर आय वर्ग को किस तरह से जोड़ा जा सकता है, मैं समझती हूं कि इस दिशा में भी बहुत कुछ किया जाना चाहिए। स्वास्थ्य व्यवस्था का संचालन और अच्छी गुणवत्ता होना बहुत ही जरूरी है। दिल्ली में यह योजना शुरू हो गयी है। इस योजना के लिए सरकारें बधाई की पात्र हैं। दिल्ली और भारत में बीमारियों के खात्मे की ओर अच्छे हैल्थ कवर प्रदान करने की क्षमता है और वह और भी सामर्थ्यवान बनेगी ऐसी आशा ही नहीं विश्वास भी है।