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आयुष्मान कार्ड धोखाधड़ी: अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने 8 को किया गिरफ्तार

आयुष्मान भारत कार्ड धोखाधड़ी के मामले का भंडाफोड़, आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया

02:31 AM Dec 18, 2024 IST | Samiksha Somvanshi

आयुष्मान भारत कार्ड धोखाधड़ी के मामले का भंडाफोड़, आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया

आयुष्मान भारत कार्ड धोखाधड़ी के एक मामले का भंडाफोड़ किया

अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने मंगलवार को ख्याति अस्पताल से जुड़े आयुष्मान भारत कार्ड धोखाधड़ी के एक मामले का भंडाफोड़ किया, जिसमें आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया। क्राइम ब्रांच के संयुक्त पुलिस आयुक्त (जेसीपी) शरद सिंघल के अनुसार, जांच में पता चला है कि अस्पताल के लिए प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) पोर्टल संचालित करने वाला मेहुल पटेल धोखाधड़ी में शामिल था।

पटेल के बयान के आधार पर सिंघल ने कहा कि जब मरीज पीएमजेएवाई कार्ड के बिना अस्पताल पहुंचे, तो उन्हें दो व्यक्तियों चिराग राजपूत और कार्तिक पटेल के पास भेजा गया, जिन्होंने निमिश नाम के व्यक्ति से संपर्क किया। कार्तिक पटेल की ख्याति अस्पताल में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

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पीएमजेएवाई कार्ड बनाने के लिए 1,500 रुपये लेता था

जेसीपी क्राइम ब्रांच ने कहा कि निमिश मरीजों के लिए पीएमजेएवाई कार्ड बनाने के लिए 1,500 रुपये लेता था और कार्ड मेहुल को भेजता था। इसके बाद, अस्पताल मरीजों की आवश्यक सर्जरी करता था और वे योजना के तहत संबंधित धनराशि का दावा करते थे। क्राइम ब्रांच ने यह भी पाया कि अस्पताल ऐसे कैंप लगा रहा था, जहां ऐसे मरीजों को पीएमजेएवाई कार्ड बनवाने की सुविधा दी जाती थी, जिनके पास पीएमजेएवाई कार्ड नहीं होता था।

क्राइम ब्रांच ख्याति अस्पताल की जांच कर रही थी

सिंघल ने बताया, “क्राइम ब्रांच ख्याति अस्पताल की जांच कर रही थी। सूत्रों से हमें पता चला कि ख्याति अस्पताल जहां भी कैंप लगाता है, अगर मरीजों के पास पीएमजेएवाई कार्ड नहीं है, तो उन्हें अस्पताल में कार्ड बनवाने की सुविधा होती है।” उन्होंने बताया, “जब हमने जांच की, ख्याति अस्पताल के पीएमजेएवाई पोर्टल को संचालित करने वाले मेहुल पटेल ने बताया कि जब कोई मरीज अस्पताल आता है और उसके पास पीएमजेएवाई कार्ड नहीं होता है।

जानिए क्या था मामला ?

उसे दो लोगों के पास ले जाया जाता है, चिराग राजपूत या कार्तिक पटेल और कार्तिक पटेल की ख्याति अस्पताल में 51 फीसदी हिस्सेदारी है। इसके बाद निमिश नाम के एक व्यक्ति से संपर्क किया जाता है, जो 1,500 रुपये लेकर कार्ड बनाकर मेहुल को भेज देता था। इसके बाद वे मरीजों की सर्जरी करते हैं और योजना के तहत पैसे लेते हैं।”

[एजेंसी]

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