खुली हवा में कब तक सांस लेगा आजम खान, क्या है CM योगी का प्लान, 81 केस अभी भी पेंडिंग
Azam Khan Release: आज समाजवादी पार्टी के पूर्व मंत्री आजम खान को 23 महीने बाद रिहाई मिल गई है। आजम खान उत्तर प्रदेश की सियासत में बड़ा नाम है। 100 से भी ज्यादा आपराधिक मामलों के आरोपी आजम खान को इलाहबाद हाईकोर्ट से रिहाई मिल गई है। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद जब आजम खान बाहर आए तो उनके बेटे और समर्थक जेल के बाहर उनका स्वागत करने के लिए पहुंचे थे।
आजम खान की रिहाई के बाद सपाइयों में खुशी की लहर है। इस बीच बड़ा सवाल यह भी है कि क्या आजम खान की मुश्किलें अब खत्म हो गई हैं? आजम खान कब तक खुली हवा में सांस लेंगे? क्या अब किसी भी तरह से सरकार खेल पलट सकता है।
सत्य को परेशान किया जा सकता है, लेकिन पराजित नहीं।
रिहाई मुबारक हो आज़म साहब ❤️#AzamKhan pic.twitter.com/Cq8w8fTGQa
— 𝗠𝗮𝗿𝗶𝘆𝗮𝗺_𝗠𝗕𝗗 (@Mariyam_MBD) September 23, 2025
Azam Khan Release: कब तक आजाद हैं आजम
आजम खान पर 'क्वालिटी बार' की ज़मीन पर अवैध कब्ज़ा करने का आरोप है, जिसके लिए उन्हें हाल ही में इलाहाबाद उच्च न्यायालय से जमानत मिली है। आज़म खान के ख़िलाफ़ दस्तावेज़ों में हेराफेरी, डकैती और अन्य गंभीर धाराओं के तहत मामले दर्ज हैं। यहां कि उन पर भैंस और बकरी चोरी का भी आरोप लगाया गया है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय से ज़मानत मिलने के बाद, आज़म खान 23 महीने बाद सीतापुर जेल से रिहा हो गए हैं, लेकिन वह ज़्यादा समय तक आजाद नहीं रह पाएंगे। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि कई मामलों में जल्द ही फ़ैसला आने वाला है।
Azam Khan News Today: अभी 81 केस पेंडिंग
आजम खान के खिलाफ अभी 81 मामले पेंडिंग हैं। आजम खान के खिलाफ दर्ज मामलों में से 59 मजिस्ट्रेट कोर्ट में, 19 सत्र न्यायालय में और तीन ज़िला न्यायालय में लंबित हैं। आज़म खान के खिलाफ़ लंबित कई मामलों की सुनवाई लगभग पूरी हो चुकी है, जिसके बाद जल्द ही फ़ैसला सुनाया जा सकता है। उन्हें अपने बेटे अब्दुल्ला आजम के फर्ज़ी जन्म प्रमाण पत्र से जुड़े सरकारी दस्तावेज़ों में हेराफेरी के एक मामले में सात साल की सज़ा सुनाई गई है। पैन कार्ड और पासपोर्ट मामलों में अदालत का फैसला जल्द ही आने की उम्मीद है और अगर दोषी पाया गया तो उसे एक और जेल की सजा हो सकती है।

Azam Khan News: 12 मामलों में बरी
आजम के खिलाफ दर्ज 104 मामलों में से 12 में उन्हें बरी कर दिया गया है। आठ मामलों में वे बरी हुए हैं और चार में दोषसिद्धि हुए है। भड़काऊ भाषण मामले में तीन साल की सजा में उनकी विधायकी छीन ली सगई, जबकि डूंगरपुर भूमि बेदखली मामले में उन्हें दस साल, मशीनरी चोरी के लिए सात साल और सड़क अवरोध के लिए दो साल की सजा मिली है। पैन कार्ड, पासपोर्ट और अन्य धोखाधड़ी के मामलों में जल्द फैसला आने की संभावना के कारण उनके जेल जाने का डर बना हुआ है।
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