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आजम खान का गंभीर आरोप, कहा- सपा कार्यकर्ताओं को धमकाने के लिए पुलिस, प्रशासन का उपयोग कर रही भाजपा

सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान ने आरोप लगाया है कि रामपुर सदर विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिए प्रचार कर रहे सपा कार्यकर्ताओं को धमकाने के लिए भाजपा पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों का इस्तेमाल कर रही है।

05:34 PM Nov 27, 2022 IST | Desk Team

सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान ने आरोप लगाया है कि रामपुर सदर विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिए प्रचार कर रहे सपा कार्यकर्ताओं को धमकाने के लिए भाजपा पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों का इस्तेमाल कर रही है।

समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आजम खान ने आरोप लगाया है कि रामपुर सदर विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिए प्रचार कर रहे सपा कार्यकर्ताओं को धमकाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों का इस्तेमाल कर रही है।
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खान ने शनिवार को रामपुर में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘अखिलेश यादव, जयंत चौधरी और चंद्रशेखर आजाद (आजाद पार्टी) यहां उपचुनाव के प्रचार के लिए आने वाले हैं। लेकिन सवाल यह है कि आखिर वह यहां क्यों आ रहे हैं जब यहां चुनाव हो ही नहीं रहा है।’’उन्होंने कहा, ‘‘जब अखिलेश यादव यहां आएंगे, तो मैं उनसे निर्वाचन आयोग से भाजपा उम्मीदवार को विजेता घोषित करने का अनुरोध करने के लिए कहूंगा।’’उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस और जिला प्रशासन के द्वारा सपा कार्यकर्ताओं को ‘‘धमकाया’’ जा रहा है और उन पर ‘‘अत्याचार’’ किया जा रहा है।
पांच दिसंबर को होगा उपचुनाव
खान ने कहा, ‘‘पुलिस ने 50 घरों के दरवाजे तोड़ दिए और बेगुनाह लोगों को सड़क से उठा लिया है। उन्होंने मेरी पत्नी को भी नहीं बख्शा, जो एक पूर्व सांसद हैं और उनके लिए असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया।’’उन्होंने आरोप लगाया कि दूसरों के अलावा उनकी पत्नी तंजीन फातिमा को भी घर से बाहर न निकलने की चेतावनी दी गई है। खान ने कहा, ‘‘मेरी पार्टी के उम्मीदवार के लिए वोट मांगना मेरा अधिकार है।’’उन्होंने कहा कि उनके पास पुलिस अत्याचार का वीडियो फुटेज है, जिसे वह मीडिया के साथ साझा नहीं करेंगे क्योंकि उनके ऐसा करने पर अदालत इसे सबूत नहीं मानेगी। उपचुनाव पांच दिसंबर को होगा।उल्लेखनीय है कि 2019 के भड़काऊ भाषण मामले में अदालत से तीन साल की सजा मिलने के बाद आजम खान की विधानसभा सदस्यता निरस्त हो गयी और उनके चुनाव लड़ने पर रोक लग गई और अब वो अपने मताधिकार का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे।
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