'मैं मुर्गी और बकरी चोर हूं..' सुरक्षा मिलने के सवाल पर ये क्या बोल गए आजम खान
Azam Khan Security News: उत्तर प्रेदश के रामपुर से पूर्व विधायक और सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान कुछ दिन पहले ही जमानत पर जेल से बाहर आए हैं। इन दिनों उन्हें सुरक्षा मिलने की खबरें चर्चा में हैं। जेल से बाहर आने के बाद उनकी सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। यूपी सरकार ने उनकी वाई श्रेणी की सुरक्षा को बहार कर दिया है, लेकिन आजम खान ने सरकार कटाक्ष करते हुए सरकार से सुरक्षा लेने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि वे बिना लिखित आश्वासन के सुरक्षा नहीं लेंगे।
Azam Khan Security News: 'मैं तो मुर्गी चोर हूं...'
आजम खान ने तंज कसते हुए कहा है कि, 'मैं तो मुर्गी चोर और बकरी चोर हूं, मुझे 21 साल की सजा है। मुझे सुरक्षा कैसे मिल सकती है। मुझे उन पर भरोसा नहीं है।" आजम खान ने अपने कटाक्ष करने के अंदाज में कहा कि अगर सुरक्षा देनी ही है, तो कम से कम मेरे विरोधियों के बराबर तो होनी ही चाहिए। रामपुर स्थित अपने आवास पर सुरक्षा स्वीकार न करने के सवाल पर आजम खान ने कहा, "जब तक मुझे लिखित सूचना नहीं मिलती, मैं इसे स्वीकार करने को तैयार नहीं हूं। हालात ने मुझे यह सिखाया है।"
Azam Khan: मेरे विरोधियों के बराबर मिले सुरक्षा
उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, "मीडिया रिपोर्ट्स मुझे एक सजायाफ्ता अपराधी के रूप में चित्रित कर रही हैं जिसे सुरक्षा नहीं मिल सकती। तो अब मुझे सुरक्षा कैसे मिल सकती है?" अगर मेरे पास कोई आधिकारिक जानकारी ही नहीं है, तो मैं उन पर कैसे भरोसा कर सकता हूं?
आजम खान ने सुरक्षा बल पर सवाल उठाते हुए कहा कि पहली बार विधायक बनने वालों को जेड प्लस सुरक्षा से लेकर केंद्रीय बल के कमांडो तक, सब कुछ मिलता है। अगर सुरक्षा देनी ही है, तो कम से कम मेरे विरोधियों जितनी तो दो। मेरे पास पहले एक कांस्टेबल था, लेकिन अब मुझमें दौरे पर जाने की हिम्मत नहीं है। मैं इलाज के लिए दिल्ली जाता हूं और अकेले लौटता हूं। अगर किसी दिन कुछ हो जाए, तो ज़िम्मेदारी कौन लेगा? बस विधानसभा और संसद में संवेदना व्यक्त की जाएगी। सब कहेंगे कि मृतक एक अद्भुत व्यक्ति था।
UP Latest News: अपनी तंगी के बारे में बताया
वाई श्रेणी की सुरक्षा के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए, आजम खान ने कहा, "इस समय मेरी आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं है कि मैं सुरक्षाकर्मियों का खर्च उठा सकूं। मैं उन्हें अलग गाड़ी कैसे दे सकता हूं? इसलिए, सरकार पहले लिखित में बताए कि मुझे क्या सुरक्षा व्यवस्था मिली है और मैं कैसे मान लूं कि ये खाकी वर्दी वाले लोग उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारी हैं?"
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