भड़काऊ भाषण मामले में आजम खां को तीन साल कैद की सजा
उत्तर प्रदेश में रामपुर की एमपी/एमएलए अदालत ने समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता एवं विधायक आजम खां को भड़काऊ भाषण देने के मामले में बृहस्पतिवार को दोषी करार देते हुए तीन साल कैद और छह हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनायी।
11:13 PM Oct 27, 2022 IST | Shera Rajput
उत्तर प्रदेश में रामपुर की एमपी/एमएलए अदालत ने समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता एवं विधायक आजम खां को भड़काऊ भाषण देने के मामले में बृहस्पतिवार को दोषी करार देते हुए तीन साल कैद और छह हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनायी।
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मामला जमानती होने के कारण अदालत ने फैसला सुनाने के बाद खां को जमानत दे दी और फैसले के खिलाफ उच्च अदालतों में अपील करने के लिए वक्त भी दिया है।
अदालत के इस फैसले के कारण खां की विधानसभा सदस्यता समाप्त हो सकती है।
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय द्वारा जुलाई 2013 में जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक अगर सांसदों और विधायकों को किसी भी मामले में दो साल से ज्यादा की सजा होती है तो (संसद और विधानसभा से) उनकी सदस्यता अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने के दिन से समाप्त हो जाएगी। हालांकि, अगर खां उच्च अदालत में इस फैसले के खिलाफ अपील करते हैं और अदालत उनकी दोषसिद्धि को निलंबित कर देती है तो ऐसी स्थिति में उनकी विधानसभा सदस्यता बरकरार रहेगी।
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सरकारी वकील अजय तिवारी ने बताया कि भड़काऊ भाषण देने के मामले में रामपुर से सपा विधायक आजम खां के खिलाफ दर्ज मुकदमे में विशेष एमपी/एमएलए अदालत ने उन्हें भारतीय दण्ड संहिता (आईपीसी) की धारा 153—क (धार्मिक भावनाएं भड़काना), 505—क (विभिन्न समुदायों के बीच शत्रुता, घृणा या वैमनस्य की भावनाएं पैदा करने के आशय से असत्य कथन) और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125 (चुनाव के सिलसिले में विभिन्न वर्गों के बीच वैमनस्य बढ़ाना) के तहत दोषी करार देते हुए उन्हें तीन साल कैद और छह हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
वहीं, अदालत के फैसले के बाद संवाददाताओं से बातचीत में खां ने कहा, ‘‘यह अधिकतम सजा है। इस मामले में जमानत अनिवार्य शर्त है और इस आधार पर मुझे जमानत मिल गयी है। मैं इंसाफ का कायल हो गया हूं।’’
आजम खां पर 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान मिलक कोतवाली इलाके के खातानगरिया गांव में जनसभा को संबोधित करने के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने और जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को भला-बुरा कहकर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था। खां के इस बयान का वीडियो भी वायरल हुआ था।
इस मामले में दोनों पक्षों की बहस 21 अक्टूबर को पूरी हो गई थी। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने सजा सुनाने के लिए आज (27 अक्टूबर) की तिथि निर्धारित की थी।
कथित धोखाधड़ी के एक मामले में उच्च्तम न्यायालय द्वारा अंतरिम जमानत दिए जाने के बाद आजम खान को इस साल की शुरुआत में जेल से रिहा किया गया था। वह करीब दो साल तक जेल में रहे। समाजवादी नेता पर भ्रष्टाचार और चोरी समेत करीब 90 मामले दर्ज हैं।
सपा नेता ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में रामपुर सदर विधानसभा सीट से रिकॉर्ड दसवीं बार जीत हासिल की थी। विधायक बनने के बाद, उन्होंने रामपुर से लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।
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