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Armenia Azerbaijan War : आजरबैजान और आर्मीनिया ने लड़ाई में करीब 100 सैनिकों की मौत

आर्मीनिया और आजरबैजान की सीमा पर चल रही लड़ाई में दोनों तरफ के करीब 100 सैनिकों की मौत हो गई। इसके साथ ही दोनों देशों के बीच लंबे समय से चल रही दुश्मनी के और गहरा होने की आशंका बढ़ गई है।

03:24 AM Sep 14, 2022 IST | Shera Rajput

आर्मीनिया और आजरबैजान की सीमा पर चल रही लड़ाई में दोनों तरफ के करीब 100 सैनिकों की मौत हो गई। इसके साथ ही दोनों देशों के बीच लंबे समय से चल रही दुश्मनी के और गहरा होने की आशंका बढ़ गई है।

armenia azerbaijan war   आजरबैजान और आर्मीनिया ने लड़ाई में करीब 100 सैनिकों की मौत
आर्मीनिया और आजरबैजान की सीमा पर चल रही लड़ाई में दोनों तरफ के करीब 100 सैनिकों की मौत हो गई। इसके साथ ही दोनों देशों के बीच लंबे समय से चल रही दुश्मनी के और गहरा होने की आशंका बढ़ गई है।
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आर्मीनिया के प्रधानमंत्री निकोल पाशिनयान ने मंगलवार को कहा कि आजरबैजान द्वारा देर रात किए गए हमलों में 49 आर्मीनियाई सैनिकों की मौत हो गई। वहीं आजरबैजान ने कहा है कि उसके 50 सैनिक मारे गए हैं।
रूस की मध्यस्थता में दोनों देशों के बीच संघर्षविराम था और संघर्षविराम समझौते के तहत क्षेत्र में लगभग 2,000 रूसी सैनिक शांति सैनिकों के रूप में तैनात हैं। रूस ने दोनों पूर्व सोवियत देशों से मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए रखने का आह्वान किया है।
आर्मीनिया के रक्षा मंत्रालय के अनुसार, आजरबैजान की सेना ने तोपों और ड्रोन से हमले किए। मंत्रालय ने कहा कि संघर्ष विराम के लिए रूस द्वारा त्वरित मध्यस्थता के प्रयास के बावजूद दिन में लड़ाई जारी रही। उसने कहा कि गोलाबारी कम हो गई है लेकिन आजरबैजान के सैनिक अब भी आर्मीनियाई क्षेत्र में आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं।
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आजरबैजान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि आर्मीनियाई बलों ने देश के तीन जिलों में सेना की चौकियों पर गोलीबारी की और आर्मीनियाई हमलावरों ने इन क्षेत्रों में बारुदी सुरंगें बिछाईं। उसने कहा कि आजरबैजान के बल अनिर्दिष्ट संख्या में हताहत हुए और ‘‘कड़ी जवाबी कार्रवाई की गई।’’
उधर आजरबैजान का कहना है कि उसने आर्मीनिया द्वारा सोमवार देर रात और मंगलवार सुबह किए गए हमलों के जवाब में कार्रवाई करते हुए हमले किए।
इस बीच, भारत ने मंगलवार को दोनों देशों से आक्रमकता खत्म करने और तत्काल संघर्ष विराम करने की अपील करते हुए कहा कि सैन्य संघर्ष से किसी भी समस्या का समाधान नहीं किया जा सकता। विदेश मंत्रालय के प्रवक्त अरिंदम बागची ने कहा कि भारत का विश्वास है कि द्विपक्षीय विवादों का समाधान कूटनीति और संवाद से होना चाहिए।
गौरतलब है कि आजरबैजान और आर्मीनिया के बीच नागोर्नो-काराबाख को लेकर दशकों से संघर्ष चल रहा है। नागोर्नो-काराबाख आजरबैजान का हिस्सा है, लेकिन यह 1994 में एक अलगाववादी युद्ध समाप्त होने के बाद से आर्मीनिया द्वारा समर्थित बलों के नियंत्रण में है।
दोनों के बीच 2020 में छह सप्ताह तक चले युद्ध में 6,600 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।
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Shera Rajput

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