उज्जैन: महाकालेश्वर मंदिर में लगा शिवभक्तों का तांता, शाम को भ्रमण पर निकलेंगे बाबा महाकाल
Ujjain Mahakaleshwar: मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में 14 जुलाई को श्रावण मास का पहला सोमवार धूमधाम से मनाया जा रहा है। विश्व प्रसिद्ध दक्षिणमुखी महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। अवंतिका नगरी "जय श्री महाकाल" के जयकारों से गूंज उठी। भस्मारती और सामान्य दर्शन के लिए श्रद्धालुओं में भारी उत्साह दिखा।
भस्मारती के बाद भक्तों ने किए दर्शन
नियमानुसार, श्रावण-भादो में प्रत्येक सोमवार को बाबा महाकाल की सवारी कुल छह नगर भ्रमण पर निकलेगी। यह हमेशा से ही श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र रही है। मंदिर के पट रात 2:30 बजे खोले गए। आमतौर पर श्रावण मास में यह सुबह 3 बजे और सामान्य दिनों में सुबह 4 बजे खोले जाते हैं। भस्मारती के दौरान, श्रद्धालुओं के लिए कार्तिकेय मंडपम की अंतिम 3 पंक्तियों से चलित भस्मारती दर्शन की व्यवस्था की गई थी। भस्मारती के बाद सुबह 5 बजे से सामान्य दर्शन शुरू हो गए, जो देर रात शयन आरती तक जारी रहेंगे।

शाम को निकलेगी बाबा की सवारी
भक्तों की सुविधा के लिए मंदिर प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए हैं, ताकि सभी लोग आसानी से बाबा महाकाल के दर्शन कर सकें। श्रावण मास के पहले सोमवार को बाबा महाकाल की सवारी शाम 4 बजे नगर भ्रमण के लिए निकलेगी। यह सवारी उज्जैन की गलियों से गुजरते हुए भक्तों को दर्शन देगी। हर साल की तरह इस बार भी हजारों भक्त सवारी में शामिल होने के लिए सड़कों पर उमड़ेंगे। सवारी के दौरान बाबा महाकाल की पालकी को भव्य रूप से सजाया जाएगा और भक्त "हर-हर महादेव" के उद्घोष के साथ उनका स्वागत करेंगे।
भारत के हर कोने से पहुंचते हैं भक्त
महाकाल मंदिर के पुजारी ने बताया कि श्रावण मास में बाबा महाकाल की पूजा का विशेष महत्व है। इस मास में भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए दूर-दूर से भक्त उज्जैन पहुँचते हैं। भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए हैं। मंदिर परिसर में जगह-जगह पानी, छाया और बैठने की व्यवस्था की गई है। उज्जैन के एक स्थानीय निवासी ने बताया, "श्रावण का पहला सोमवार हमारे लिए बेहद खास होता है। बाबा महाकाल के दर्शन और उनकी शोभायात्रा में शामिल होना सौभाग्य की बात है।"
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