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'किसी को घटिया बोलना...' जगद्गुरू रामभद्राचार्य की चुनौती पर बाबा रामदेव ने कह दी बड़ी बात

01:51 PM Aug 28, 2025 IST | Neha Singh
Baba Ramdev

Baba Ramdev: इन दिनों कथावाचक और बाबा अपनी कथा से ज्यादा खबरों में दिखाई दे रहे हैं। फिलहाल जगद्गुरु रामभद्राचार्य (Jagadguru Rambhadracharya) और प्रेमानंद महाराज (Premanand Maharaj) सुर्खियो में हैं। दरअसल उन्होंने प्रेमानंद महाराज को चुनौती दी कि अगर प्रेमानंद महाराज संस्कृत का एक अक्षर बोल दें या उनके श्लोकों का अर्थ समझा दें, तो वे उन्हें चमत्कारी माने लेंगे। जगद्गुरू के इस बयान के बाद विवाद खड़ा हो गया। बाबा रामदेव (Baba Ramdev)  ने इस विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।

 क्या बोले Baba Ramdev?

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Baba Ramdev

बाबा रामदेव ने वृंदावन के संत प्रेमानंद महाराज पर रामभद्राचार्य की टिप्पणी पर अपनी पहली प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि आम लोगों को भी कभी घटिया बातें नहीं करनी चाहिए, वे लोग तो साधु-संत होते हैं। बाबा रामदेव ने कहा कि 'जिन लोगों के नाम के आगे जगतगुरु और शंकराचार्य उपनाम लगे हों, उन्हें किसी की आलोचना नहीं करनी चाहिए, किसी से घृणा नहीं करनी चाहिए, किसी के बारे में बुरा नहीं कहना चाहिए। यह बहुत गलत है।'

आपस में लड़ने से देश-विरोधी ताकतें मज़बूत होंगी- Baba Ramdev

उन्होंने आगे कहा - 'कुछ हमसे छोटे हैं, कुछ बड़े हैं, लेकिन मैं सभी से हाथ जोड़कर एक बात कहूंगा, इस देश में मुसलमान मुट्ठी भर आए और अंग्रेज भी मुट्ठी भर आए। 1608 में ईस्ट इंडिया कंपनी का पहला जहाज़ भारत आया और उसके बाद धीरे-धीरे एक कंपनी आई और एक कंपनी ने भारत पर राज किया। यहां ब्रिटिश सरकार का जो राज था, वह अलग था, उससे पहले एक कंपनी देश पर राज करती थी। आप कहते हैं पैसे की क्या ताकत होती है? दुनिया में भारत से बड़ा कोई उदाहरण नहीं है। अगर आप धार्मिक, राजनीतिक या आर्थिक आधार पर लड़ेंगे, तो भारत विरोधी ताकतें और मज़बूत हो जाएंगी।'

Jagadguru Rambhadracharya on Premanand

Jagadguru Rambhadracharya: प्रेमानंद महाराज को पुत्र जैसा मानता हूं

विवाद बढ़ने पर जगद्गुरू रामभद्राचार्य ने सफाई दी। उन्होंने कहा कि उनकी टिप्पणी में कोई अश्लीलता नहीं थी। वे प्रेमानंद महाराज का सम्मान करते हैं और जब भी वे उनसे मिलने आएंगे, वे उन्हें पुत्र की तरह अपनाएंगे।

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