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Babri Masjid Demolition Anniversary : बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी पर बोले ओवैसी

बाबरी मस्जिद विध्वंस मामला जो किसी से छिपा नहीं इस विषय पर लगातार बहस होती ही रहती है।आज बाबारी मस्जिद विध्वंस की तीसवी बरसी है।आज के दिन को लोग काफी याद भी करते है। वहीं बाबरी मस्जिद की बरसी पर हैदराबाद सांसद औवेसी ने कहा है कि इस दिन को कभी नहीं भूलेंगे। पक्का करेंगे कि आने वाली पीढ़िया भी इसे न भूलें

03:06 PM Dec 06, 2022 IST | Desk Team

बाबरी मस्जिद विध्वंस मामला जो किसी से छिपा नहीं इस विषय पर लगातार बहस होती ही रहती है।आज बाबारी मस्जिद विध्वंस की तीसवी बरसी है।आज के दिन को लोग काफी याद भी करते है। वहीं बाबरी मस्जिद की बरसी पर हैदराबाद सांसद औवेसी ने कहा है कि इस दिन को कभी नहीं भूलेंगे। पक्का करेंगे कि आने वाली पीढ़िया भी इसे न भूलें

बाबरी मस्जिद विध्वंस मामला जो किसी से छिपा नहीं इस विषय पर लगातार बहस होती ही रहती है।आज बाबारी मस्जिद विध्वंस की तीसवी बरसी है।आज के दिन को लोग काफी याद भी करते है। वहीं बाबरी मस्जिद की बरसी पर हैदराबाद सांसद औवेसी ने कहा है कि इस दिन को कभी नहीं भूलेंगे। पक्का करेंगे कि आने वाली पीढ़िया भी इसे न भूलें। इसके साथ ही औवेसी ने छह दिसंबर की तारीख को लोकतंत्र का काला दिन बताया है। ब ता दें AIMIM प्रमुख ओवैसी ने एक ट्वीट कर ये सब बातें कहीं।ओवैसी ने ट्वीट में लिखा 6 दिसंबर भारतीय लोकतंत्र के लिए हमेशा काला दिन रहेगा। बाबरी मस्जिद का अपमान और विध्वंस अन्याय का प्रतीक है। इसके विनाश के लिए जो लोग जिम्मेदार थे। उन्हें कभी दोषी नहीं ठहराया गया। हम इसे नहीं भूलेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि आने वाली पीढ़ियां भी इसे याद रखें।
बाबरी मस्जिद का इतिहास
इसके  इतिहास के बारे में बात करें तो  मुगल साम्राज्य के पहले शासक बाबर के सैन्य कमांडर मीर बाकी ने 1528-29 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद बनवाई थी।रिपोर्ट्स के मुताबिक 6 दिसंबर 1992 को हिंदूवादी संगठनों ने बाबरी मस्जिद को ढहा दिया था। हिंदू मान्यतों के अनुसार जिस जगह बाबरी मस्जिद बनवाई गई थी वो भगवान राम की जन्मभूमि है।
बाबरी को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला
9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने विवाद को लेकर अंतिम फैसला सुनाया था। सुप्रीम कोर्ट ने विवादित 2.77 एकड़ भूमि मंदिर न्यास को देने का फैसला सुनाया था। और इसके एवज में उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को दूसरी जगह वैकल्पिक 5 एकड़ जमीन देने का आदेश भी सरकार को दिया था। बता दें सुप्रीम कोर्ट के आदेश का कई मुस्लिम संगठनों ने स्वागत किया था। असदुद्दीन ओवैसी भी लगातार कहते आए हैं कि बाबरी मस्जिद मामले में मुस्लिमों को न्याय नहीं मिला है।

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