Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

उर्दू के मशहूर शायर झाद अजीमाबादी की 91वीं पुण्यतिथि पर मजार पर चादरपोशी

क्रांतिकारियों की जन्मभूमि रही है। कार्यक्रम का संचालन करते हुए कमलनयन श्रीवास्तव ने कहा किशाद की नज्मों में मूल्य का दिल धडक़ता है।

08:22 PM Jan 11, 2019 IST | Desk Team

क्रांतिकारियों की जन्मभूमि रही है। कार्यक्रम का संचालन करते हुए कमलनयन श्रीवास्तव ने कहा किशाद की नज्मों में मूल्य का दिल धडक़ता है।

पटना : सामाजिक-सांस्कृतिक संस्था नवशक्ति निकेतन की ओर से लंगूरगली स्थित शायर शाद अजीमाबादी की 91वीं पुण्यतिथि के अवसर पर उनकी मजार पर चादरपोशी की गयी। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मौलाना मजहरूक हक अरबी- फारसी विवि के पूर्व कुलपति डा. एजाज अली अशहरद ने कहा कि शाद एक मुकम्मल शायर थे। अजीमाबादी साहित्यकारों एवं क्रांतिकारियों की जन्मभूमि रही है। कार्यक्रम का संचालन करते हुए कमलनयन श्रीवास्तव ने कहा किशाद की नज्मों में मूल्य का दिल धडक़ता है।

मौके पर कवि डा. किशोर सिन्हा एवं साहित्यकार प्रो. अब्दुल समद को शाद अजीमाबादी सम्मान, प्रभात कुमार धवन एवं कलीम मुनएमी को साहित्य एवं समाजसेवा सम्मान, डा. सैयद शमीम अहमद शमीम को गौहर शेखपुरवी सम्मान से नवाजा गया। डा. अनिल सुलभ ने कहा कि शाद की रचनाओं को जीवन में उतारने की आवश्यकता है। मौके पर शाद की परपौत्री डा. शहनाव फातमी, रजी अहमद, राजकुमार भरतिया, राजेश बल्लभ, सुनील कुमार, फैजान अली, राकेश कपूर, चुन्नु चन्द्रवंशी, अकबर रजा जमशेद, डा. विनोद अवस्थी, शरीफ अहमद रंगरेज सहित अन्य मौजूद थे।

Advertisement
Advertisement
Next Article