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आंध्र प्रदेश में बडवेल-नेल्लोर कॉरिडोर को मिली मंजूरी, 4-लेन निर्माण होगा

बडवेल-नेल्लोर कॉरिडोर से रोजगार के नए अवसर…

01:29 AM May 29, 2025 IST | Rahul Kumar Rawat

बडवेल-नेल्लोर कॉरिडोर से रोजगार के नए अवसर…

केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश में 3,653 करोड़ रुपए की लागत से 108.134 किलोमीटर लंबे बाडवेल-नेल्लोर कॉरिडोर को मंजूरी दी है। इस परियोजना से 20 लाख मानव-दिवस का प्रत्यक्ष और 23 लाख मानव-दिवस का अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। कॉरिडोर कई औद्योगिक नोड्स को जोड़ते हुए लॉजिस्टिक परफॉरमेंस इंडेक्स को बेहतर बनाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने डिजाइन-बिल्ड-फाइनेंस-ऑपरेट-ट्रांसफर (डीबीएफओटी) मोड पर आंध्र प्रदेश में एनएच-67 पर 3,653.10 करोड़ रुपए की लागत से 108.134 किलोमीटर लंबे 4-लेन बाडवेल-नेल्लोर कॉरिडोर के निर्माण को मंजूरी दे दी है। इस प्रोजेक्ट से 20 लाख मानव-दिवस का प्रत्यक्ष रोजगार और 23 लाख मानव-दिवस का अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा होगा। स्वीकृत बाडवेल-नेल्लोर कॉरिडोर आंध्र प्रदेश के तीन औद्योगिक कॉरिडोर की महत्वपूर्ण जगहों (नोड) को जोड़ेगा। इसमें विशाखापत्तनम-चेन्नई औद्योगिक कॉरिडोर (वीसीआईसी) पर कोप्पार्थी नोड, हैदराबाद-बेंगलुरु औद्योगिक कॉरिडोर (एचबीआईसी) पर ओर्वाकल नोड और चेन्नई-बेंगलुरु औद्योगिक कॉरिडोर (सीबीआईसी) पर कृष्णापटनम नोड शामिल हैं।

इस कॉरिडोर से देश के लॉजिस्टिक परफॉरमेंस इंडेक्स (एलपीआई) पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। बडवेल नेल्लोर कॉरिडोर आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कडप्पा जिले में विद्यमान राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-67 पर गोपावरम गांव से शुरू होता है और एसपीएसआर नेल्लोर जिले में एनएच-16 (चेन्नई-कोलकाता) पर कृष्णापटनम पोर्ट जंक्शन पर समाप्त होता है। यह कॉरिडोर कृष्णापटनम पोर्ट को रणनीतिक संपर्क भी प्रदान करेगा, जिसे चेन्नई-बेंगलुरु औद्योगिक कॉरिडोर (सीबीआईसी) के तहत प्राथमिकता नोड के रूप में पहचाना गया है।

प्रस्तावित कॉरिडोर से कृष्णपट्टनम बंदरगाह तक की यात्रा की दूरी मौजूदा बाडवेल-नेल्लोर सड़क की तुलना में 33.9 किलोमीटर कम होकर 142 किलोमीटर से 108.13 किलोमीटर रह जाएगी। इससे यात्रा का समय एक घंटे कम हो जाएगा। सरकार ने बताया कि प्रस्तावित कॉरिडोर के आसपास के क्षेत्र में आर्थिक गतिविधि में बढ़ोतरी के कारण यह परियोजना अतिरिक्त रोजगार के अवसर भी पैदा करेगी।

इसके अतिरिक्त सरकार ने महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में भारतीय रेलवे के तहत दो मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इन परियोजनाओं में रतलाम-नागदा तीसरी और चौथी लाइन और वर्धा-बल्हारशाह चौथी लाइन शामिल हैं। परियोजनाओं की कुल अनुमानित लागत लगभग 3,399 करोड़ रुपए है और इन्हें 2029-30 तक पूरा कर लिया जाएगा। महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के चार जिलों को कवर करने वाली ये परियोजनाएं भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क को लगभग 176 किलोमीटर तक बढ़ा देंगी। परियोजनाओं के निर्माण के दौरान लगभग 74 लाख मानव दिवस का प्रत्यक्ष रोजगार भी पैदा होगा।

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