Balrampur Conversion Syndicate: अंगूठी बेचने वाले ‘छांगुर बाबा’ की कोठी पर चला बुलडोजर, जांच में खुल रहा बड़ा नेटवर्क
बलरामपुर : उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में हाल ही में जिस धर्मांतरण सिंडिकेट का खुलासा हुआ है, उसके तार तेजी से उजागर हो रहे हैं। इस पूरे नेटवर्क का मुख्य आरोपी जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा है, जो कभी गली-गली अंगूठी बेचता था और अब अवैध धर्मांतरण के बड़े जाल का मास्टरमाइंड निकला है। पुलिस और ATS की कार्रवाई में छांगुर बाबा की अकूत संपत्ति, संदिग्ध गतिविधियां और एक बेहद सुनियोजित रणनीति सामने आई है, जिसमें खासकर कमजोर, गरीब और परेशान महिलाओं को निशाना बनाकर धर्मांतरण कराया जा रहा था।
मजार से शुरू हुआ खेल
बलरामपुर के उतरौला क्षेत्र स्थित चांद मियां की मजार छांगुर बाबा की पहली पहचान थी। कभी इसी मजार पर वह मूंगा, गोमेद, लहसुनिया और अकीक जैसे नग बेचा करता था। हिन्दू और मुस्लिम दोनों समुदायों में उसकी पहचान धीरे-धीरे मजबूत होती चली गई। सूत्रों के अनुसार, छांगुर बाबा इस मजार की कमेटी से भी जुड़ा था और इसका सौंदर्यीकरण कराने के लिए मोटा चंदा भी देता था। यहीं से उसने कथित रूप से धर्मांतरण की नींव रखनी शुरू की।
पैसों और रसूख से बना धर्मांतरण का नेटवर्क
कभी गुमनाम जिंदगी जीने वाला जमालुद्दीन कुछ सालों के लिए गायब हो गया और लौटते ही 'छांगुर बाबा' के नाम से चर्चित हो गया। वापसी के बाद उसने पैसों, चमत्कारिक कथाओं और लालच के जरिए धर्मांतरण कराना शुरू किया। गैर मुस्लिम लड़कियों और महिलाओं को आर्थिक मदद, शादी, और सुरक्षा जैसे प्रलोभन देकर उनका ब्रेनवॉश कराना उसकी प्रमुख रणनीति थी। पीड़ितों में ज़्यादातर गरीब और वंचित वर्ग की लड़कियां थीं।
आलीशान कोठी, VIP जैसी सुरक्षा
धर्मांतरण से मिली अकूत कमाई से छांगुर बाबा ने तीन बीघा जमीन में एक भव्य कोठी बनवा ली। इस कोठी में 50 से ज्यादा परिवारों के रहने का इंतजाम था। सुरक्षा ऐसी थी जैसे किसी वीआईपी के लिए की जाती है—सीसीटीवी कैमरे, करंट युक्त तार, और खतरनाक गार्ड डॉग्स। यह कोठी इतने भारी लोहे के सरियों और कॉन्क्रीट से बनी थी, जो आमतौर पर पुल निर्माण में उपयोग होते हैं। अब इस कोठी पर प्रशासन ने बुलडोजर चला दिया है।
पुलिस और ATS की कार्रवाई
छांगुर बाबा वर्तमान में लखनऊ जेल में बंद है। उसे हाल ही में यूपी एटीएस ने गिरफ्तार किया था और कोर्ट ने उसे 7 दिन की पुलिस कस्टडी में भेजा है। पुलिस उसके संपर्कों, फंडिंग नेटवर्क, और धर्मांतरण से जुड़े अन्य लोगों की जांच कर रही है।
बड़ा सवाल: कैसे खड़ा हुआ ये नेटवर्क?
बलरामपुर के लोग अब भी इस बात से हैरान हैं कि एक मामूली अंगूठी बेचने वाला शख्स कुछ ही सालों में कैसे इतना ताकतवर हो गया कि उसने एक संगठित धर्मांतरण सिंडिकेट खड़ा कर लिया? जांच एजेंसियों के मुताबिक, इस नेटवर्क में और भी चेहरे शामिल हो सकते हैं और आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां संभव हैं।