Ban on Polygamy: असम में पत्नी के जीवित रहते दूसरी शादी करने पर रोक क्योंं लगाई जा रही है
असम के सीएम हिमंत बिस्वा धार्मिक मामलों को लेकर काफी सुर्खियों में रहते है इसी तरह एक बार फिर हिमंत बिस्वा ने एक ऐसा फैसला लिया है जिसकी हर तरफ चर्चा हो रही है। काफी सालो से बहुविवाह को खत्म करने की मांग उठ रही है। दरअसल हिमंत बिस्वा ने असम में एक वक्त में एक से अधिक पत्नी रखने की प्रथा के खिलाफ कानून लाने जा रहे है। इस फैसले को लेकर हिमंता बिस्वा की खुब चर्चा हो रही है।
05:15 PM Sep 02, 2023 IST | Anuj Kumar Yadav
असम के सीएम हिमंत बिस्वा धार्मिक मामलों को लेकर काफी सुर्खियों में रहते है इसी तरह एक बार फिर हिमंत बिस्वा ने एक ऐसा फैसला लिया है जिसकी हर तरफ चर्चा हो रही है। काफी सालो से बहुविवाह को खत्म करने की मांग उठ रही है।
प्रथा के खिलाफ कानून लाया जा रहा है
दरअसल हिमंत बिस्वा ने असम में एक वक्त में एक से अधिक पत्नी रखने की प्रथा के खिलाफ कानून लाने जा रहे है। इस फैसले को लेकर हिमंता बिस्वा की खुब चर्चा हो रही है।
45 दिन के अंदर विधेयक तैयार किया गया
वहीं मुख्यमंत्री का कहना है कि इसपर रोक लगाने के लिए एक विधेयक तैयार किया जा रहा है। सार्वजनिक सुझावों के बाद इसपर प्रतिबंध लगाने की तैयारी की जा रही है। इस संबंध में जारी किए गए सार्वजनिक नोटिस के जवाब में सरकार को कुल 149 सुझाव मिले हैं. सरकार अब 45 दिन के अंदर विधेयक का मसौदा तैयार करने की तैयारी में जुटी है।
विधेयक को लेकर आए 149 सुझाव
बता दें सरकार की कोशिश है कि असम विधानसभा से बिल पारित कराकर किसी भी व्यक्ति द्वारा एक समय में दो पत्नी रखने की प्रथा को खत्म किया जा सके। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर लिखा बहुविवाह को बैन करने के प्रस्तावित बिल पर अपडेट। हमारे पब्लिक नोटिस पर कुल 149 सुझाव आए हैं 146 सुझाव बहुविवाह बिल के पक्ष में हैं। जिससे पता चलता है कि बिल के पक्ष में लोगों का एक मजबूत सपोर्ट है।
विधेयक का तीन संगठनों ने विरोध किया
हालांकि हिमंता के इस विधेयक का तीन संगठनों ने विरोध किया है। अब हम प्रक्रिया के अगले चरण पर आगे बढ़ेंगे, जिसमें अगले 45 दिनों में विधेयक का अंतिम मसौदा तैयार किया जाएगा।
विशेषज्ञ कमेटी का गठन किया जाएगा
हिमंत सरमा ने असम में बहुविवाह पर रोक लगाने के लिए एक विशेषज्ञ कमेटी का गठन कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि कमेटी यह पता लगाने का प्रयास करेगी कि क्या राज्य विधानमंडल को बहुविवाह पर रोक लगाने का अधिकार है या नहीं।
समिति क्या काम करेगी
इसके अलावा यह समिति मुस्लिम पर्सनल लॉ अधिनियम 1937 के प्रावधानों की जांच करेगी। साथ ही भारत के संविधान के अनुच्छेद 25 में असम राज्य नीति के सिद्धांत के साथ इसका मिलान किया जाएगा। अब देखने वाली बात होगी की ये बिल पास होता है या नहीं ।
प्रथा के खिलाफ कानून लाया जा रहा है
दरअसल हिमंत बिस्वा ने असम में एक वक्त में एक से अधिक पत्नी रखने की प्रथा के खिलाफ कानून लाने जा रहे है। इस फैसले को लेकर हिमंता बिस्वा की खुब चर्चा हो रही है।
45 दिन के अंदर विधेयक तैयार किया गया
वहीं मुख्यमंत्री का कहना है कि इसपर रोक लगाने के लिए एक विधेयक तैयार किया जा रहा है। सार्वजनिक सुझावों के बाद इसपर प्रतिबंध लगाने की तैयारी की जा रही है। इस संबंध में जारी किए गए सार्वजनिक नोटिस के जवाब में सरकार को कुल 149 सुझाव मिले हैं. सरकार अब 45 दिन के अंदर विधेयक का मसौदा तैयार करने की तैयारी में जुटी है।
विधेयक को लेकर आए 149 सुझाव
बता दें सरकार की कोशिश है कि असम विधानसभा से बिल पारित कराकर किसी भी व्यक्ति द्वारा एक समय में दो पत्नी रखने की प्रथा को खत्म किया जा सके। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर लिखा बहुविवाह को बैन करने के प्रस्तावित बिल पर अपडेट। हमारे पब्लिक नोटिस पर कुल 149 सुझाव आए हैं 146 सुझाव बहुविवाह बिल के पक्ष में हैं। जिससे पता चलता है कि बिल के पक्ष में लोगों का एक मजबूत सपोर्ट है।
विधेयक का तीन संगठनों ने विरोध किया
हालांकि हिमंता के इस विधेयक का तीन संगठनों ने विरोध किया है। अब हम प्रक्रिया के अगले चरण पर आगे बढ़ेंगे, जिसमें अगले 45 दिनों में विधेयक का अंतिम मसौदा तैयार किया जाएगा।
विशेषज्ञ कमेटी का गठन किया जाएगा
हिमंत सरमा ने असम में बहुविवाह पर रोक लगाने के लिए एक विशेषज्ञ कमेटी का गठन कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि कमेटी यह पता लगाने का प्रयास करेगी कि क्या राज्य विधानमंडल को बहुविवाह पर रोक लगाने का अधिकार है या नहीं।
समिति क्या काम करेगी
इसके अलावा यह समिति मुस्लिम पर्सनल लॉ अधिनियम 1937 के प्रावधानों की जांच करेगी। साथ ही भारत के संविधान के अनुच्छेद 25 में असम राज्य नीति के सिद्धांत के साथ इसका मिलान किया जाएगा। अब देखने वाली बात होगी की ये बिल पास होता है या नहीं ।
Advertisement
Advertisement