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Manipur हिंसा से जुड़े VIDEO-फोटोज शेयर करने पर रोक, कुछ भी सोशल मीडिया पर डाला तो होगी जेल

01:51 PM Oct 12, 2023 IST | NAMITA DIXIT
manipur हिंसा से जुड़े video फोटोज शेयर करने पर रोक  कुछ भी सोशल मीडिया पर डाला तो होगी जेल

मणिपुर पिछले कई महीनों से जातीय हिंसा की आग में जल रहा है।बता दें मणिपुर की सरकार किसी भी सूरत में नए सिरे से हिंसा भड़कने से रोकने के लिए सजग है। इस दौरान बुधवार को राज्य सरकार ने अपने नए आदेश में स्पष्ट कर दिया है कि सूबे में कहीं भी हिंसा का वीडियो या फोटो सोशल मीडिया पर शेयर करने वालों पर कार्रवाई होगी। ऐसे किसी भी कंटेंट शेयरिंग पर पाबंदी लगाई गई है।
मोबाइल इंटरनेट सेवा पर भी लगी पाबंदी को और 5 दिनों तक बढ़ाया
आपको बता दें इसके साथ ही मोबाइल इंटरनेट सेवा पर भी लगी पाबंदी को और 5 दिनों तक जारी रखने के आदेश दिए गए हैं। तीन दिन पहले ही कूकी-जोमी व्यक्ति को जलाए जाने का वीडियो सोशल मीडिया और व्हाट्सएप पर वायरल हुआ था, जिसके बाद राज्य सरकार ने ये फैसला लिया है। राज्य सरकार ने कहा है कि वह हिंसा की तस्वीरें और वीडियो सर्कुलेट करने वाले लोगों पर मामला दर्ज करेगी और मुकदमा चलाएगी।
राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती- गृह विभाग
बता दें राज्य के गृह विभाग के माध्यम से बुधवार को जारी राज्यपाल के एक आदेश में कहा गया है कि राज्य सरकार हिंसक गतिविधियों के फोटो और वीडियो को "बहुत गंभीरता से और अत्यंत संवेदनशीलता के साथ" लेती है। ऐसी चीज शेयर करने की वजह से दोबारा भीड़ इकट्ठा हो सकती है और सरकारी संपत्ति अथवा जान माल का नुकसान हो सकता है।इससे राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है।
वीडियो-फोटो के सर्कुलेशन पर पाबंदी का फैसला किया
आदेश में कहा गया है कि सरकार ने राज्य में सामान्य स्थिति लाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम के रूप में ऐसे वीडियो-फोटो के सर्कुलेशन पर पाबंदी का फैसला किया है। इसमें कहा गया है कि ऐसी तस्वीरें या वीडियो अगर किसी व्यक्ति के पास हैं तो उसे निकटतम पुलिस अधीक्षक से संपर्क करना चाहिए और उन्हें कानूनी कार्रवाई के लिए जमा करना चाहिए, लेकिन अगर वे सोशल मीडिया के माध्यम से ऐसी तस्वीरें शेयर करते पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ प्रासंगिक प्रावधान के तहत मामला दर्ज किया जाएगा और मुकदमा चलाया जाएगा।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, आपको बता दें कि मणिपुर में 3 मई को बिष्णुपुर और चुराचांदपुर जिलों की सीमा से लगे इलाकों में ईसाई कूकी समुदाय की आदिवासी एकजुटता मार्च के दौरान हिंसा की शुरुआत हुई थी। करीब 5 महीने से अधिक का वक्त गुजर चुका हैं लेकिन हालात नहीं संभल रहे हैं। कम से कम 175 लोगों के मारे जाने की पुष्टि पहले ही हो चुकी है, जबकि 50000 लोग विस्थापित हैं।

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NAMITA DIXIT

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