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Banana Leaf Plates: किसानों की अनोखी पहल! केला के पत्तों से Eco-Friendly Plates बनाकर लाखों रूपये कमा रहे

03:50 PM Nov 15, 2025 IST | Bhawana Rawat

Banana Leaf Plates: कभी खेतों में सड़ने वाले केले के तने आज केरल के किसानों के लिए आय का नया स्रोत बन रहे हैं। आजकल केले के पत्तों से किसान प्लेट्स बनाकर किस्मत बदल रहे हैं। दक्षिण भारत में इसकी बड़ी डिमांड है, यही वजह है कि केले की खेती करने वाले किसान अब इसके पत्तों से भी अच्छी-खासी कमाई कर रहे हैं। जहां किसान पहले फलों की बिक्री तक सीमित थे, वहीं अब पत्तों से भी वह लाखों कमा रहे हैं। इससे न सिर्फ किसानों की आमदनी बढ़ रही है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिल रहा है। इन Eco-Friendly प्लेट्स की डिमांड न सिर्फ भारत में, बल्कि विदेशों में भी है।

Sustainable Innovation: विदेशों में बढ़ रही इन प्लेट्स की डिमांड

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विदेशों में बढ़ रही इन प्लेट्स की डिमांड (Image- Social Media)

शुरुआत में केले पत्तों की प्लेट्स सिर्फ स्थानीय बाजारों, पूजा-पाठ और शादियों में दिखती थी। लेकिन इन प्लेट्स की गुणवत्ता और पर्यावरण-अनुकूल होने के कारण इसने बड़े होटलों का ध्यान भी खिंचा है। आज कोच्चि, तिरुवनंतपुरम और कोझिकोड के पांच सितारा होटल जैसे ताज, लीला और मारियट में इन प्लेट्स का काफी उपयोग हो रहा है। न सिर्फ भारत में, बल्कि जर्मनी और दुबई से भी इन प्लेट्स के आर्डर आ रहे हैं।

Banana Leaf Plates: किसानों के लिए आय का नया स्रोत

किसानों के लिए आय का नया स्रोत (Image- Social Media)

एक केले के पत्ते से औसतन तीन-चार प्लेट्स बनाई जा सकती हैं। बाजार में पत्ते की कीमत लगभग 30-40 रूपये तक होगा, जबकि प्लेट की क्वालिटी के हिसाब से यह 4 से 5 रूपये प्रति पीस बिक जाती है। देसी किस्म के केले के पत्तों की गुणवत्ता बेहतर होती है, ये मजबूत होते हैं और जल्दी फटते नहीं। इस वजह से दक्षिण भारत में किसान इनकी खेती ज्यादा कर रहे हैं। आजकल देश-विदेश में प्राकृतिक और इको-फ्रेंडली प्लेटों की मांग बढ़ रही है।

यूरोप और अमेरिका के कई देशों में प्लास्टिक पर बैन लगाया गया है। ऐसे में केले के पत्तों की प्लेट्स भविष्य में बड़े पैमाने पर निर्यात की जा सकती हैं। इससे किसानों और व्यापारियों के लिए आय का नया रास्ता खुल जाएगा।

किसानों को मिल रहा सरकार का सहारा

किसानों को मिल रहा सरकार का सहारा (Image- Social Media)

केले के पत्तों को पहले अच्छी तरह साफ किया जाता है और फिर मशीनों की सहायता से अलग-अलग साइज में काटकर प्लेटों का रूप दिया जाता है। प्लेट्स को टिकाऊ बनाने के लिए उन्हें गर्म करके मजबूत किया जाता है। इस प्रक्रिया में बड़ी संख्या में ग्रामीण महिलाएं भी काम कर रही हैं, जिससे उन्हें आर्थिक सहयोग और रोजगार के अवसर मिल रहे हैं। तमिलनाडु सरकार इस पर्यावरण-अनुकूल उद्योग को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रोत्साहन दे रही है।

राज्य में इस तरह की यूनिट लगाने वाले किसानों और उद्योगों के लिए विभिन्न सब्सिडी योजनाएं उपलब्ध हैं। यदि कोई किसान केले के पत्तों से प्लेट बनाने का व्यवसाय शुरू करना चाहता है, तो वह सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकता है। इससे उत्पादन की लागत कम होती है और किसानों की आय में भी बढ़ोतरी होती है।

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