बांग्लादेश चुनाव से पहले बड़ा एक्शन, ICT ने 15 सैन्य अधिकारियों को भेजा जेल, जानें पूरा मामला
Bangladesh News: बांग्लादेश में आम चुनाव से पहले राजनीतिक और सैन्य हलचलों ने नया मोड़ ले लिया है। हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने 15 सैन्य अधिकारियों को जेल भेजने का आदेश दिया है। यह कार्रवाई जबरन गायब किए जाने, हत्या और मानवता के खिलाफ अपराधों के आरोपों के आधार पर की गई है।
Bangladesh News: आईसीटी का फैसला
आईसीटी-1 की तीन सदस्यीय पीठ, जिसकी अध्यक्षता जस्टिस गुलाम मुर्तुजा मजूमदार कर रहे थे, ने बुधवार को तीन अलग-अलग मामलों में सुनवाई के बाद यह आदेश जारी किया। इन मामलों में 34 लोगों को आरोपी बनाया गया है, जिनमें से कई का संबंध पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के करीबी सहयोगियों से है।

Bangladesh Elections 2025: जमानत याचिका खारिज
सभी 15 अधिकारियों ने अदालत से जमानत की मांग की थी, लेकिन न्यायाधिकरण ने याचिका खारिज करते हुए उन्हें सीधे जेल भेजने का आदेश दिया। मुख्य अभियोजक मोहम्मद ताजुल इस्लाम ने जानकारी दी कि यह सभी अधिकारी कथित रूप से जबरन गायब किए जाने और हत्या जैसे गंभीर आरोपों में फंसे हुए हैं।
ICT Action Before Bangladesh Elections: सेना की प्रतिक्रिया
11 अक्टूबर को सेना मुख्यालय ने जानकारी दी थी कि इन मामलों में नामजद 15 सैन्य अधिकारियों को सैन्य हिरासत में ले लिया गया है। सेना के एडजुटेंट जनरल मेजर जनरल मोहम्मद हकीमुज्जमां ने बताया कि एक अधिकारी अब भी लापता है, जो एक दिन अपने घर से निकले थे और वापस नहीं लौटे। उसकी तलाश की जा रही है।

पूर्व PM शेख हसीना की नाराजगी
पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस कार्रवाई पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने वर्तमान अंतरिम सरकार की वैधता पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस सरकार के तहत कानून व्यवस्था पूरी तरह खत्म हो चुकी है। हसीना ने आरोप लगाया कि जिन अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है, उन्हें अवैध रूप से हिरासत में लिया गया है।

न्यायाधिकरण को बताया 'यूनुस कोर्ट'
शेख हसीना ने कहा कि इस न्यायाधिकरण की स्थापना देश की आज़ादी का विरोध करने वालों के खिलाफ न्याय दिलाने के लिए की गई थी। लेकिन अब इसमें ऐसे बदलाव कर दिए गए हैं कि यह अदालत मुहम्मद यूनुस या जमात-ए-इस्लामी के नियंत्रण में आ गई है। उन्होंने न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर भी सवाल उठाए।