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'आजादी, नरसंहार या हैवानियत...', साल 1971 में बांग्लादेश की आजादी में 30 लाख मौतें, 2 लाख महिलाओं से हुआ था रेप, दस्तावेजों में दर्ज है काला सच

08:46 PM Nov 13, 2025 IST | Amit Kumar
Bangladesh Violence (credit S-M)

Bangladesh Violence: 1971 का ये साल कोई नहीं भूल सकता। ये साल वहीं साल है जब बांग्लादेश ने पाकिस्तान से अलग होकर एक नया देश बनने की लड़ाई लड़ी थी। स्वतंत्रता की ये जंग बड़ी ही कठिन और दर्दनाक थी। इस युद्ध में लाखों लोग मारे गए और महिलाओं के साथ अत्याचार किए गए। बंगालियों के लिए यह सिर्फ एक राजनीतिक संघर्ष नहीं था, बल्कि उनके जीवन और सम्मान की रक्षा की लड़ाई भी थी।

Bangladesh Violence: युद्ध के दौरान हिंसा और महिलाओं पर अत्याचार

1971 के युद्ध में महिलाओं के साथ हुए अत्याचार का स्तर बहुत ही भयावह था। ढाका के लिबरेशन वॉर म्यूजियम के अनुसार, इस दौरान पाकिस्तानी सेना ने करीब दो लाख से चार लाख बंगाली महिलाओं के साथ बलात्कार किया। यह यौन हिंसा आधुनिक इतिहास में सामूहिक बलात्कार का सबसे बड़ा उदाहरण माना जाता है। इसके अलावा, युद्ध के दौरान 25 मार्च से 16 दिसंबर के बीच लगभग 30 लाख लोग मारे गए और लगभग एक करोड़ लोग अपने घर छोड़कर विस्थापित हुए। इस दौरान महिलाओं ने अपनी गरिमा और सम्मान बचाने के लिए बहुत संघर्ष किया।

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Bangladesh Violence (credit S-M)

Bangladesh Independence News: बलात्कार का राजनीतिक इस्तेमाल

मानवविज्ञानी नयनिका मुखर्जी के अनुसार, युद्ध में बलात्कार को राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया गया। इसका उद्देश्य दुश्मन समुदाय को मानसिक और सामाजिक रूप से कमजोर करना था। बंगाली महिलाओं के खिलाफ यह हिंसा केवल उनका शोषण नहीं थी, बल्कि पूरे समुदाय पर आघात पहुंचने की रणनीति भी थी।

Bangladesh Violence (credit S-M)

Bangladesh Crime: रेप कैंप और भयावह परिस्थितियां

इतिहासकारों और शोधकर्ताओं के अनुसार, पाकिस्तानी सेना ने रेप कैंप भी बनाए थे। इन कैंपों में महिलाओं को जबरदस्ती रखा जाता था और बार-बार उनका यौन शोषण किया जाता था। कई महिलाओं की जान इसी अत्याचार के कारण चली गई। इन कैंपों की स्थितियाँ बेहद खराब थीं, महिलाएं भूखी और डर के साये में रहती थीं।

Bangladesh Violence (credit S-M)

युद्ध के बाद की स्थिति

ऑस्ट्रेलिया की डॉक्टर जेफ्री डेविस ने इस युद्ध के बाद बताया कि उन्हें पाकिस्तान के बंदी सैनिकों ने बताया था कि बलात्कार के आदेश पाकिस्तानी सेना के प्रमुख टिक्का खान ने दिए थे। इसका मकसद यह था कि बंगाली महिलाओं की अगली पीढ़ियों में पश्चिमी पाकिस्तान के पुरुषों की “छाया” रहे।

डॉक्टर डेविस युद्ध के बाद बांग्लादेश में स्थानीय मेडिकल टीम के साथ काम करने और गर्भपात कराने में मदद करने के लिए आए थे। उन्होंने एक दिन में करीब 100 महिलाओं के गर्भपात किए। इतने बड़े पैमाने पर बलात्कार होने के बावजूद उस समय लोग इस विषय पर खुलकर बात नहीं कर पाते थे।

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