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बरगाड़ी के इंसाफ मोर्चे का संघर्ष लाया रंग : सजा-ए-याफता आतंकियों की रिहाई के लिए विचार-विमर्श शुरू

पिछले दिनों सवा महीनें से बरगाड़ी में चल रहे इंसाफ मोर्चे की मुख्य माँगों को माने जाने के बारे में सूचना मिली है। सरबत खालसा के जत्थेदार भाई ध्यान सिंह मंड,

02:34 PM Jul 13, 2018 IST | Desk Team

पिछले दिनों सवा महीनें से बरगाड़ी में चल रहे इंसाफ मोर्चे की मुख्य माँगों को माने जाने के बारे में सूचना मिली है। सरबत खालसा के जत्थेदार भाई ध्यान सिंह मंड,

लुधियाना : पिछले दिनों सवा महीनें से बरगाड़ी में चल रहे इंसाफ मोर्चे की मुख्य माँगों को माने जाने के बारे में सूचना मिली है। सरबत खालसा के जत्थेदार भाई ध्यान सिंह मंड, जत्थेदार भाई अमरीक सिंह अजनाला और जत्थेदार भाई बलजीत सिंह दादूवाल की अगुवाई में चल रहे इंसाफ मोर्चे के मुख्य आगुओं के साथ कैप्टन अमरेंद्र सिंह के इशारे के उपरांत वरिष्ठ केबिनेट मंत्री तृप्त राजिंद्र सिंह बाजवा 3 मुलाकातें कर चुके है और इन मुलाकातों के दौरान 20 के करीब विभिन्न जेलों में बंद सिख बंदियों की रिहाई के बारे में उच्च स्तर पर विचार-विमर्श कर लिया गया है।

सूत्रों के मुताबिक पता चला है कि पिछले साल के दौरान कई बार पेरोल पर रिहा हो चुके छुटटी काटने वाले उम्र कैदियों की पहली ही स्टेज पर रिहाई हो सकती है। जबकि बाहरी राज्यों में 20-20 साल से अधिक कैद काटने वाले सिख बंदियों को पहले पंजाब की जेलों में तबदील करके फिर पेरोल पर छुटटी दी जा सकती है। पता लगा है कि इंसाफ मोर्चे द्वारा अढ़ाई दर्जन के करीब बंदी सिंहों की रिहाई की सूची केबिनेट मंत्री द्वारा मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह को सौंपी गई थी और इस सूची में फांसी की सजा का सामना कर रहे आतंकी बलवंत सिंह रजवाना और दिल्ली स्थित तिहाड़ जेल में बंद जगतार सिह हवारा का नाम शामिल है। नाम ना छापने की शर्त पर मोर्चे के एक वरिष्ठ आगु ने बताया कि सभी सिख बंदियों के बारे में एक साथ फैसला नहीं हो सकता। अब हर बंदी का अलग-अलग केस विचारनीय है।

यह भी पता लगा है कि बेअंत सिंह कत्लकांड में उम्र कैद की सजा काट रहे लुधियाना के लखबिंद्र सिंह लखा, गुरमीत सिंह और शमशेर सिंह इस वक्त बुड़ैल जेल में बंद है और 20 साल से अधिक की कैद भुगत चुके है। पिछले 2 साल में 10-10 बार पेरोल पर छुटटी आते रहे है। इसी प्रकार प्रोफेसर दविंद्र पाल सिंह भुल्लर अमृतसर, स. लाल सिंह नाभा जेल, गुरदीप ङ्क्षसह खेड़ा, नंद सिंह और दिलबाग सिंह पंजाब की अलग-अलग जेलों में बंद है। यह भी पता चला है कि सभी कभी-ना-कभी पेरोल पर छुटटी ले चुके है और इनकी रिहाई संभव समझी जा रही है। सरबत खालसा द्वारा श्री अकाल तख्त के जत्थेदार नियुक्त भाई जगतार ङ्क्षसह हवारा और दया सिंह लाहौरिया दिल्ली तिहाड़ जेल में है जबकि हरनेक सिंह भापा जयपुर की जेल में बंद है।

सूत्रों के मुताबिक हरनेक सिंह की पंजाब की जेल में लाए जाने के बारे में पंजाब और राजस्थान की सरकारों के मध्य पत्र-व्यवहार हो चुका है और उनकी पंजाब की जेल में बदली के बारे में जल्द हुकम हो सकते है। यह भी पता चला है कि मोर्चा आगु सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के मुताबिक भाई बलवंत सिंह रजवाना की फांसी के फैसले को उम्र कैद में बदलने के बारे में पाटीशन पर जल्द फैसला करवाए जाने के लिए सरकार द्वारा पैरवी किए जाने की भी मांग रखी गई है। जगतार सिंह तारा और परमजीत सिंह भ्यौरा के नाम भी बंदी सिंहों की सूची में बताए जा रहे है। यह सूची उतर प्रदेश की जेल में बंद 4 बंदियों के नाम भी बताए गए है।पता लगा है कि बरगाड़ी मोर्चे की मांग के बारे में मुख्यमंत्री जल्द ही एक पत्रकार सम्मेलन के जरिए खुलासा कर सकते है।

– सुनीलराय कामरेड

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