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Basant Panchami 2025: कब है बसंत पंचमी का पावन त्योहार, बसंत पंचमी को करें राहु की शान्ति के ये उपाय

2025 में बसंत पंचमी: त्योहार की तिथि और राहु शांति के उपाय

10:59 AM Jan 13, 2025 IST | Astrologer Satyanarayan Jangid

2025 में बसंत पंचमी: त्योहार की तिथि और राहु शांति के उपाय

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मां सरस्वती को विद्या की देवी माना जाता है। यदि आपको जीवन में ज्ञान की सही अर्थों में प्राप्ति करनी है तो देवी सरस्वती की आराधना अवश्य करें। मां सरस्वती की आराधना से मस्तिष्क की क्षमता में वृद्धि होती है। स्मरण शक्ति बढ़ती है। जीवन में सात्विकता आती है और जातक विद्या और ज्ञान प्राप्ति के उपरान्त भी पूरी तरह से शांत और प्रसन्नचित बना रहता है। अहंकार और लोभ नष्ट होता है। विद्या, वस्तु और धन के दान के प्रति आस्था जीवन भर बनी रहती है। घर परिवार में जो भी धन आता है वह सभी सात्विक तरीकों से आता है।

बिजनेस में ऐसे लोगों से संपर्क होता है जो कि धर्म और अर्थ के प्रति सात्विक भाव रखते हैं। सनातन धर्म में प्रति वर्ष मां सरस्वती की पूजा के लिए बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। विद्यालयों में इस दिन मां की पूजा का विशेष आयोजन होता है। विद्यार्थी वर्ग पीले रंग के वस्त्रों में स्वयं को प्रस्तुत करते हैं और मां सरस्वती की विशेष पूजा का कार्यक्रम आयोजित होता है।

कब है बसंत पंचमी

प्रत्येक विक्रम संवत के माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन देवी सरस्वती का अवतरण हुआ था। अंग्रेजी वर्ष 2025 में 2 फरवरी, रविवार को प्रातः 9 बजकर 15 मिनट से पंचमी तिथि है। इसलिए इस दिन पूरे भारत वर्ष में बसंत पंचमी का त्योहार आयोजित होगा। इस दिन लोग उपवास करते हैं और पीले खाद्य पदार्थों का भोजन करते हैं और पीले वस्त्र धारण करते हैं। देवी मां सरस्वती के पूजन से त्योहार को मनाया जाता है। अपनी क्षमता और श्रद्धानुसार श्री सरस्वती मंत्र ‘ओम ऐं ह्रीं क्लीं महासरस्वती देव्यै नमः’’ का जाप किया जाता है।

बसंत पंचमी को करें राहु की शान्ति का उपाय

राहु ऐसा ग्रह है जो कि यदि जन्म कुंडली में खराब स्थिति में हो तो जीवन को नरक बना सकता है। राहु जिस भाव में जाता है उस भाव के शुभ फलों को नष्ट करता है। जैसे यदि राहु चौथे भाव में हो तो माता के सुख को कम करता है। इसी प्रकार से राहु यदि सप्तम भाव में हो तो पत्नी या पति के सुख को कम करेगा। जातक को जीवन भर दांपत्य सुख में बाधा आती रहेगी। पहली बात तो अलगाव या तलाक होने की आशंका हमेशा बनी रहेगी लेकिन यदि किसी प्रकार से जीवन साथ में चलता रहे तो परस्पर विचारों की भिन्नता और कलह का वातावरण हमेशा बना रहता है। क्योंकि राहु की प्रकृति पाप ग्रह की है। जो कि स्थिति को नकारात्मक तरीके से प्रभावित करता है।

खराब राहु को सरस्वती पूजा से ठीक करें

यदि आपकी कुंडली में राहु खराब भाव में पड़ा है और जीवन में बाधा उत्पन्न कर रहा है तो 2 फरवरी को सरस्वती पूजा से आप काफी हद तक राहु को शांत कर सकते हैं। यह वैदिक उपाय है। निश्चित तौर पर यह प्रभावी है और बहुत कम खर्च में यह उपाय आप कर सकते हैं। बसंत पंचमी को उपवास रखें। पीले वस्त्र धारण करें। यदि निराहार नहीं रह सकते हैं तो एक समय पीले रंग के खाद्य पदार्थों सेवन करें। या फिर दूध में एक चुटकी हल्दी का प्रयोग करें। समीप के मां सरस्वती के मंदिर में पूजा अर्चना करें। यदि मंदिर उपलब्ध नहीं हो तो घर में ही माता के फोटो के सामने बैठ कर श्री सरस्वती मंत्र ‘ओम ऐं ह्रीं क्लीं महासरस्वती देव्यै नमः’’ का कम से कम पांच माला जाप करें। माता को भोग लगाएं और पूरा दिन सात्विक आचरण में व्यतीत करें। इस मंत्र में राहु के बुरे प्रभावों को नष्ट करने की अद्भुत क्षमता है।

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Astrologer Satyanarayan Jangid

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