WTC फाइनल में ऑस्ट्रेलिया की स्लीजिंग पर बावुमा का बयान
बावुमा ने ऑस्ट्रेलिया की स्लीजिंग को बताया अनुचित
ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम का नाम हमेशा से विवादों में रहा है, खासकर जब बात उनके स्लीजिंग यानी विरोधी टीम के खिलाड़ियों को तंग करने की हो। भले ही आजकल की टीम, जिसका नेतृत्व पैट कमिंस कर रहे हैं, पहले से थोड़ी अलग मानी जाती है, लेकिन वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के फाइनल में उनका व्यवहार फिर से चर्चा में आ गया। जब साउथ अफ्रीका के खिलाड़ी लॉर्ड्स के चौथे दिन जीत के करीब पहुंच रहे थे, तो ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ियों ने ‘चोक’ शब्द का इस्तेमाल किया, जिससे प्रोटियाज टीम की मनोस्थिति पर असर डालने की कोशिश की गई।ऑस्ट्रेलियाई टीम ने टेम्बा बावुमा और एडेन मार्कराम के बीच साझेदारी को तोड़ने के लिए हर तरीका अपनाने की कोशिश की। मैच के बाद बावुमा ने बताया कि बल्लेबाजी के दौरान उन्हें ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों की ओर से ‘चोक’ जैसे शब्द सुनाई दिए।
बावुमा ने बीबीसी के टेस्ट मैच स्पेशल पर कहा, “जब हम बल्लेबाजी कर रहे थे, तब ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी बार-बार ‘चोक’ शब्द का इस्तेमाल कर रहे थे। हम लोगों ने बड़ी उम्मीद और भरोसे के साथ फाइनल तक पहुंचा था, लेकिन कई लोग हमारी जीत पर शक कर रहे थे। इस जीत ने उन सभी शक को खत्म कर दिया। ये हमारी पूरी राष्ट्र के लिए एक मौका है कि हम अपनी परेशानियों को भूलकर एक साथ आएं।”साउथ अफ्रीका के स्पिनर केशव महाराज ने भी कहा कि ‘चोकर’ टैग जो उनके देश को लंबे समय से मिलता आ रहा है, अब खत्म हो जाना चाहिए।उन्होंने कहा, “अब ऐसा नहीं होगा कि लोग हमें ‘चोकर’ कहें। ये हमारे लिए बहुत बड़ी बात है कि हम वो जीत हासिल कर सके जो हमें हमेशा से नहीं मिल पाई थी। अब सारे सवाल जवाब हो गए हैं।”
वहीं ऑस्ट्रेलिया के कप्तान पैट कमिंस ने कहा कि टीम में बदलाव की जरूरत हो सकती है ताकि टीम फिर से ताकतवर बन सके।कमिंस ने कहा, “हमारी टीम ने हमें फाइनल तक पहुंचाया, लेकिन अब वक्त आ गया है सोचने का कि कब बदलाव करें। इस टेस्ट मैच के बाद सब कुछ फिर से चर्चा में आ जाएगा, इसलिए हमें कुछ नया प्लान बनाना होगा। यह जिम्मेदारी मेरे और सेलेक्टर्स की होगी कि हम अगला कदम क्या होगा, यह तय करें।”
इस तरह, WTC फाइनल में न सिर्फ खेल बल्कि मानसिक दबाव और रणनीतियों का भी बड़ा रोल था। ऑस्ट्रेलिया की स्लीजिंग ने जहां साउथ अफ्रीका को तंग करने की कोशिश की, वहीं प्रोटियाज टीम ने इस दबाव को झेलकर शानदार जीत हासिल की। ये जीत साउथ अफ्रीका के लिए गर्व की बात है और उनके इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ने वाली भी साबित हुई।