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बावनकुले बोले - राज्यपाल को नहीं करनी चाहिए थी पवार-गडकरी से शिवाजी की तुलना, राकांपा ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र

राज्यपाल को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार की तुलना महान मराठा सम्राट छत्रपति शिवाजी महाराज से नहीं करनी चाहिए थी।

01:12 AM Nov 22, 2022 IST | Desk Team

राज्यपाल को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार की तुलना महान मराठा सम्राट छत्रपति शिवाजी महाराज से नहीं करनी चाहिए थी।

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा शिवाजी महाराज वाले बयान पर भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि, राज्यपाल को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार की तुलना महान मराठा सम्राट छत्रपति शिवाजी महाराज से नहीं करनी चाहिए थी।
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राज्यपाल ने शनिवार को दिया था बयान 
बता दें कि, राज्यपाल कोश्यारी ने शनिवार को औरंगाबाद में एक कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार को डी.लिट की उपाधि से नवाजते हुए महाराष्ट्र में ‘आदर्श लोगों’ की बात करते हुए बी आर आंबेडकर और गडकरी का जिक्र किया था और कहा था कि छत्रपति शिवाजी ‘‘पुराने जमाने’’ के आदर्श थे। उनके इस बयान से राज्य में राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया।
राज्यपाल शिवाजी महाराज से प्रेरणा लेकर अपना पद संभाल रहे हैं : बावनकुले 
बावनकुले ने यहां पत्रकारों से कहा,  उन्हें राकांपा प्रमुख शरद पवार और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की तुलना छत्रपति शिवाजी से नहीं करनी चाहिए। महाराष्ट्र में सभी लोग ऐसा ही महसूस करते हैं। उन्होंने कहा कि, लेकिन यह नहीं भूला जाना चाहिए कि राज्यपाल शिवाजी महाराज से प्रेरणा लेकर अपना पद संभाल रहे हैं।
राकांपा ने राष्ट्रपति मुर्मू को लिखा पत्र 
इसके अलावा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर छत्रपति शिवाजी महाराज पर की गई टिप्पणी को लेकर महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। राकांपा के मुख्य प्रवक्ता महेश तापसे ने राष्ट्रपति को लिखे पत्र में आरोप लगाया कि, राज्यपाल ने कई मौकों पर विवादित बयान दिए हैं जिससे महाराष्ट्र के लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं और यह आचरण अस्वीकार्य है।
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