Top NewsindiaWorldViral News
Other States | Delhi NCRHaryanaUttar PradeshBiharRajasthanPunjabjammu & KashmirMadhya Pradeshuttarakhand
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariBusinessHealth & LifestyleVastu TipsViral News
Advertisement

Punjab Police की जबरन तैनाती पर BBMB की याचिका

भाखड़ा ब्यास बोर्ड ने सुरक्षा पर जताई आपत्ति, कोर्ट में याचिका

01:18 AM May 05, 2025 IST | Vikas Julana

भाखड़ा ब्यास बोर्ड ने सुरक्षा पर जताई आपत्ति, कोर्ट में याचिका

पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने सोमवार को भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी), पंजाब सरकार और हरियाणा सरकार से जुड़े चल रहे जल विवाद के संबंध में एक महत्वपूर्ण सुनवाई की। अदालत ने बीबीएमबी, पंजाब और हरियाणा को नोटिस जारी किया और अगली सुनवाई 6 मई (मंगलवार) को दोपहर 3 बजे के लिए निर्धारित की। बीबीएमबी द्वारा दायर याचिका में नंगल डैम परिसर में पंजाब पुलिस द्वारा की गई सुरक्षा तैनाती को चुनौती दी गई है। याचिका में कहा गया है कि यह सुरक्षा जबरन लगाई गई है और इससे बोर्ड के काम में बाधा आ रही है।

बीबीएमबी के वकील एडवोकेट राजेश गर्ग ने अदालत में कहा, “हमें पंजाब पुलिस की सुरक्षा नहीं चाहिए। अगर सुरक्षा की जरूरत है, तो हम इसे केंद्र सरकार से मांगेंगे, पंजाब सरकार से क्यों?” पंजाब सरकार की ओर से जवाब देते हुए कोर्ट को बताया गया कि भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए एहतियात के तौर पर नंगल डैम पर पुलिस बल तैनात किया गया है। वहीं, बीबीएमबी के वकील ने आरोप लगाया कि पंजाब पुलिस ने अवैध रूप से डैम को घेर रखा है, जिसके कारण डैम से पानी की आपूर्ति संभव नहीं है।

कोर्ट ने सभी पक्षों को अगली सुनवाई के दौरान अपनी विस्तृत दलीलें पेश करने को कहा है। इससे पहले, पंजाब के जल संसाधन मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने सोमवार को विशेष सत्र के दौरान पंजाब विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश किया, जिसमें भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) द्वारा हरियाणा को अतिरिक्त 8,500 क्यूसेक पानी छोड़ने के फैसले का कड़ा विरोध किया गया। गोयल ने कहा कि “अतिरिक्त पानी की एक बूंद भी” नहीं छोड़ी जाएगी। उन्होंने बीबीएमबी पर “भाजपा की कठपुतली” के रूप में काम करने और अवैध और असंवैधानिक तरीकों से पंजाब के जल अधिकारों को कमजोर करने की साजिश रचने का आरोप लगाया।

गोयल ने प्रस्ताव में मुख्य बिंदुओं को रेखांकित करते हुए कहा कि पंजाब ने मानवीय आधार पर हरियाणा को 4,000 क्यूसेक पानी उपलब्ध कराया है, लेकिन वह अपने हिस्से से कोई अतिरिक्त पानी नहीं छोड़ेगा। उन्होंने 30 अप्रैल को बीबीएमबी की देर रात की बैठक को “अवैध” करार दिया और इसे पंजाब के पानी के उचित हिस्से को हरियाणा में बदलने का जानबूझकर किया गया प्रयास बताया।

गोयल ने कहा, “पानी की उपलब्धता कम होने के कारण 1981 की जल-बंटवारा संधि पुरानी हो चुकी है। एक नई संधि की जरूरत है।” मंत्री ने बांध सुरक्षा अधिनियम, 2021 की भी आलोचना की और दावा किया कि यह पंजाब की नदियों पर नियंत्रण को केंद्रीकृत करके राज्य के अधिकारों को खतरे में डालता है। उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार सीधा नियंत्रण चाहती है। पंजाब की नदियों पर इस कब्जे को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।” उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा, हरियाणा और बीबीएमबी “पंजाब के अधिकारों को छीनने” के लिए “साजिश” कर रहे हैं।

Advertisement
Advertisement
Next Article