बिहार के पीरपैंती स्टेशन का सौंदर्यीकरण, स्थानीय लोगों ने की प्रशंसा
अमृत भारत योजना से चमका पीरपैंती रेलवे स्टेशन
बिहार के पीरपैंती रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास ‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ के तहत किया गया, जिसे स्थानीय लोगों ने सराहा। 19 करोड़ की लागत से स्टेशन को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया, जिससे यात्रियों को लाभ हो रहा है। पीएम मोदी की पहल पर स्थानीय लोगों ने आभार व्यक्त किया और ट्रेनों की स्टॉपेज बढ़ाने की मांग की।
अमृत भारत स्टेशन योजना’ के तहत देशभर के 103 रेलवे स्टेशनों का सौंदर्यीकरण और आधुनिकीकरण किया गया, जिसमें भागलपुर के पीरपैंती रेलवे स्टेशन का नाम भी शामिल है। स्थानीय नागरिकों ने इस कार्य के लिए सरकार की प्रशंसा की। स्थानीय निवासी ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से कहा, “हमें बहुत खुशी हो रही है कि इतने छोटे स्टेशन को इतनी बड़ी सौगात प्राप्त हुई। 19 करोड़ रुपए की लागत से पीरपैंती स्टेशन का पुनर्विकास किया गया। यह बिहार में पहला है। यहां पर मक्का की लोडिंग हो रही है, ट्रेन बढ़ने की संभावना है। स्टेशन की खूब साफ-सफाई हो रही है। टॉयलेट स्वच्छ हैं। एसी लॉज की शुरुआत हुई है। रेलवे स्टेशन पर बहुत सारी सुविधाएं दी गई हैं, जिसका फायदा आम लोगों को भी हो रहा है। एक अन्य बताया, “हमारे लिए बहुत ही गर्व की बात है कि ‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ के तहत पीरपैंती का पुनर्विकास किया गया है। पीएम मोदी को मैं हृदय से धन्यवाद देता हूं। जिस हिसाब से कनेक्टिविटी बढ़ाई जा रही है, आने वाले समय में किसानों और छात्रों को बहुत फायदा होने वाला है।”
बिहार में शराब धंधे में लिप्त चार पुलिसकर्मी निलंबित
एक अन्य ने भी पीएम मोदी को इस योजना के लिए धन्यवाद दिया। साथ ही ट्रेनों की स्टॉपेज बढ़ाने की मांग की। दरअसल, ‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ के तहत 1,300 से अधिक स्टेशनों को आधुनिक सुविधाओं के साथ पुनर्विकसित किया जा रहा है, जिन्हें क्षेत्रीय वास्तुकला को प्रतिबिंबित करने और यात्री सुविधाओं को बढ़ाने के लिए डिजाइन किया गया है।
इसी के तहत पीएम मोदी गुरुवार को राजस्थान के दौरे पर थे। उन्होंने वहां से वर्चुअली देश के कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के कुल 103 पुनर्विकसित रेलवे स्टेशनों का उद्घाटन किया।’अमृत भारत स्टेशन योजना’ के तहत इन रेलवे स्टेशनों का सौंदर्यीकरण और आधुनिकीकरण किया गया, जिसमें बिहार के भागलपुर का पीरपैंती रेलवे स्टेशन भी शामिल है।