Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

इस वजह से भारत देश में सूर्योदय से पहले दी जाती है फांसी

लोगों के जुर्म के मुताबिक कानून उन्हें सजा देता है। भारत देश में सबसे बड़ी सजा के तौर पर मौत की सजा को देखा जाता है।

10:48 AM Jun 23, 2019 IST | Desk Team

लोगों के जुर्म के मुताबिक कानून उन्हें सजा देता है। भारत देश में सबसे बड़ी सजा के तौर पर मौत की सजा को देखा जाता है।

लोगों के जुर्म के मुताबिक कानून उन्हें सजा देता है। भारत देश में सबसे बड़ी सजा के तौर पर मौत की सजा को देखा जाता है। भारत में मौत की सजा का विरोध भी होता आया है। हम यह बात बिल्कुल नहीं कर रहे हैं कि सजा सही या गलत। हम तो फांसी की सजा से जुड़ी कुछ रोचक बातें आपको बताने जा रहे हैं। 
Advertisement
हम सबने ही फांसी की सजा को सिर्फ बॉलीवुड फिल्‍मों में ही देखा है। जिस तरह से फिल्‍मों में फांसी की सजा के दौरान कुछ लोग ही खड़े होते हैं उसी तरह से असल जिंदगी में भी ऐसा ही होता है। फांसी की सजा के दौरान जल्लाद, कैदी की स्वास्‍थ्य जांच करने वाला एक डॉक्टर, एक न्यायाधीश या फिर कोर्ट से भेेजा गया एक शख्स और पुलिस के कुछ अफसर होते हैं। 
हालांकि फांसी की सजा में एक ऐसा भी नियम है जिसके अनुसार कैदी को खुलेआम फांसी नहीं दे जाती है। कैदी को फांसी बंद दीवारों के बीच में दी जाती है। फांसी की सजा के दौरान कुछ गिनती के लोगों के अलावा और कोई नहीं होता है। इन सबमें सबसे हैरानी करने वाली यह बात है कि कैदी को फांसी सूर्योदय के पहले ही दी जाती है। ऐसा क्यों है आज हम आपको बताएंगे। इस नियम के अनुसार कैदी को फांसी की सजा सुबह ही दी जाती है। 

1. प्रशासनिक वजह

फांसी देना जेल प्रशासन के लिए बहुत बड़ा काम है। यही वजह है कि फांसी की सजा सुबह दी जाती है ताकि दिन के बाकी काम इसकी वजह से प्रभावित ना हो पाएं। कई तरह की प्रक्रियाएं फांसी के पहले और बाद में पूरी की जाती हैं। 
मेडिकल टेस्ट, कई रजिस्टरों में एंट्री और कई जगह नोट्स देने की यह काम किए जाते हैं। कैदी की फांसी के बाद उसकी लाश को परिवार वालों को सौंपा जाता है। यही वजह है कि सुबह फांसी देने की। 

2. नैतिक वजह

यह भी माना गया है कि जिस कैदी को फांसी दी जानी होती है उसे पूरा दिन इंतजार नहीं कराना चाहिए। ऐसा करने से कैदी के दिमाग पर गहरा असर भी पड़ सकता है। अब आप यह सोचेंगे कि जब उसे फांसी की सजा मिली है तो ऐसे में उसके दिमाग पर इसका क्या ही असर होगा। 
जिसे फांसी देनी होती है उसे सुबह जल्दी उठाया जाता है फिर उसे फांसी के लिए नित्यकर्म से निवृत्त होकर लेकर जाते हैं। इसके साथ ही सुबह फांसी देने का यह भी कारण है कि उसके परिवार वाले समय पर अंतिम संस्कार की प्रक्रिया कर दें। 

3. सामाजिक वजह

समाज में किसी की भी फांसी की सजा बहुत बड़ा प्रभाव डालती है। सुबह फांसी इसलिए भी दी जाती है कि इससे समाज में किसी भी तरह का गलत संदेश ना जाए और किसी भी तरह की अनिष्ट होने की सम्‍भावना को दबाने के लिए समाज में। 
सुबह के समय मीडिया और जनता ज्यादा सक्रिय भी नहीं होती है और समय भी वह बहुत शांत होता है। यही वजह है कि कैदी मानसिक तौर पर तनावमुक्त रहता है। 
Advertisement
Next Article