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मंदिर-घरों में घट स्थापना के साथ नवरात्र की शुरुआत

नवरात्र के पहले दिन मंदिरों से लेकर घरों में घट स्थापना की गई और मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की विधिविधान के साथ पूजा की गई। शहर के मंदिरों में मां के दर्शन और आराधना के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ रही।

06:31 PM Sep 26, 2022 IST | Ujjwal Jain

नवरात्र के पहले दिन मंदिरों से लेकर घरों में घट स्थापना की गई और मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की विधिविधान के साथ पूजा की गई। शहर के मंदिरों में मां के दर्शन और आराधना के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ रही।

हरिद्वार, संजय चौहान (पंजाब केसरी)ः नवरात्र के पहले दिन मंदिरों से लेकर घरों में घट स्थापना की गई और मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की विधिविधान के साथ पूजा की गई। शहर के मंदिरों में मां के दर्शन और आराधना के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ रही। मंदिर परिसर मां के जयकारों से गुंजायमान रहे। वहीं दिनभर उपवास रखकर भक्तों ने मां की महिमा का गुणगान किया। शहर और आसपास के क्षेत्रों में नवरात्र को लेकर मां दुर्गा के भक्तों में खासा उत्साह देखने को मिला। मां की आराधना के लिए अलसुबह से ही श्रद्धालुओं ने मंदिरों में पहुंचना शुरू कर दिया। मनसा देवी मंदिर में प्रात:काल से ही मंत्रोच्चारण के साथ मां की विशेष पूजा-अर्चना प्रारंभ हो गई। मंदिर में घट स्थापना की गई और मां की अखंड जोत जलाई गई। प्रथम नवरात्र पर मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा हुई। मां के रूप के अनुसार ही मां का भव्य शृंगार किया गया। भक्तों ने मां को लाल चुनरी, नारियल, शृंगार का सामान, पुष्प, फल आदि पूजन सामग्री अर्पित की और उनसे अपने घर-परिवार में खुशहाली बनाए रखने की कामना की।
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मनसा देवी, मायादेवी, चंडी देवी, सुरेश्वरी देवी, लाल माता, दक्षिण काली मंदिर समेत अन्य माता मंदिरों में मां की पूजा की गई। सुबह चार बजे के बाद मंदिरों को सर्वप्रथम 31 लीटर दूध, दही, घी आदि पूजन सामग्री से देवी का स्नान किया गया। सुबह चार बजे मां का भव्य शृंगार हुआ। इसके बाद मंत्रोच्चारण के साथ मां की पूजा की गई। कन्या पूजन के बाद यज्ञ और फिर आरती की गई। मंदिर में नवरात्र में प्रतिदिन मां दुर्गा की विशेष पूजा-अर्चना, शृंगार एवं आरती की जाएगी। नवरात्र में मंदिर के कपाट 24 घंटे खुले रहेंगे।
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