West Bengal: उपचुनाव के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा बलों की 130 से अधिक कंपनियां होंगी तैनात
पश्चिम बंगाल में बालीगंज विधानसभा और आसनसोल लोकसभा सीटों पर 12 अप्रैल को होने वाले उपचुनाव के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए केंद्रीय सुरक्षा बलों की कम से कम 133 कंपनियों को तैनात किया जा कसता है।
02:08 PM Mar 26, 2022 IST | Desk Team
पश्चिम बंगाल में बालीगंज विधानसभा और आसनसोल लोकसभा सीटों पर 12 अप्रैल को होने वाले उपचुनाव के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए केंद्रीय सुरक्षा बलों की कम से कम 133 कंपनियों को तैनात किया जा कसता है।उपचुनाव के दौरान सुरक्षा को लेकर चुनाव आयोग शनिवार को वरिष्ठ पुलिस और अर्धसैनिक बलों सहित राज्य अधिकारियों के साथ वीडियो काँफ्रेसिंग के जरिए बैठक कर सकता है। इसमें केंद्रीय बलों के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।
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उपचुनाव के नतीजे 16 अप्रैल को घोषित किए जाएंगे
सूत्रों ने बताया कि पश्चिम बर्धमान के आसनसोल और बालीगंज विधानसभा सीटों पर मतदान केंद्रों की निगरानी के लिए सीआरपीएफ, बीएसएफ और सीआईएसएफ सहित लगभग 133 केंद्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बलों को कई चरणों में तैनात किए जाने की उम्मीद है। अगले महीने की शुरुआत या इस सप्ताह के अंत से सुरक्षा बलों को मौके पर तैनात किया जा सकता है।
शुक्रवार को चुनाव आयोग के अधिकारियों के साथ एक वर्चुअल बैठक में शामिल हो चुके राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी आरिज आफताब आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से होने वाले एक बैठक में भी भाग लेंगे। पश्चिम बंगाल के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) बीएसएफ, सीआरपीएफ और सीआईएसएफ के वरिष्ठ अधिकारी सहित कई अन्य वर्चुअल मीटिंग में हिस्सा लेंगे। उपचुनाव के नतीजे 16 अप्रैल को घोषित किए जाएंगे।
इन उम्मीदवार ने बढ़ाया सियासी पारा
उल्लेखनीय है कि अभिनेता से राजनेता बने शत्रुघन सिन्हा और पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो क्रमश: लोकसभा और विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं। मुख्य विपक्षी दल भाजपा की तरफ से डिजाइनर से राजनीतिक कार्यकर्ता बनीं अग्निमित्रा पॉल और केया घोष चुनावी मैदान में हैं। वाम मोर्चा ने बालीगंज विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए माकपा की सायरा शाह हलीम को अपना उम्मीदवार बनाया है और पार्थ मुखर्जी को औद्योगिक दृष्टि से महत्वपूर्ण आसनसोल सीट से अपना उम्मीदवार चुना है।
आसनसोल निर्वाचन क्षेत्र में उपचुनाव की आवश्यकता इसलिए पड़ी, क्योंकि श्री सुप्रियो ने तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के बाद भाजपा सांसद के रूप में इस्तीफा दे दिया था। बालीगंज सीट मौजूदा विधायक और राज्य मंत्री सुब्रत मुखर्जी के पिछले नवंबर में निधन के कारण खाली हुई थी।
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