टॉप न्यूज़भारतविश्वराज्यबिजनस
खेल | क्रिकेटअन्य खेल
बॉलीवुड केसरीराशिफलSarkari Yojanaहेल्थ & लाइफस्टाइलtravelवाइरल न्यूजटेक & ऑटोगैजेटवास्तु शस्त्रएक्सपलाइनेर
Advertisement

बंगाल चुनाव: मौलवी अब्बास सिद्दकी के नेतृत्व वाले ISF ने विविध धर्मों, जाति के लोगों को बनाया उम्मीदवार

फरफुरा शरीफ के प्रभावशाली मौलवी अब्बास सिद्दकी के नेतृत्व वाले इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में विभिन्न धर्मों और जाति के उम्मीदवारों को खड़ा किया है।

02:16 PM Mar 18, 2021 IST | Ujjwal Jain

फरफुरा शरीफ के प्रभावशाली मौलवी अब्बास सिद्दकी के नेतृत्व वाले इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में विभिन्न धर्मों और जाति के उम्मीदवारों को खड़ा किया है।

फरफुरा शरीफ के प्रभावशाली मौलवी अब्बास सिद्दकी के नेतृत्व वाले इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में विभिन्न धर्मों और जाति के उम्मीदवारों को खड़ा किया है। हालांकि भाजपा और तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि नवगठित सियासी दल अल्पसंख्यक कार्ड का सहारा ले रहा है। 
Advertisement
वाम दल तथा कांग्रेस के साथ गठबंधन में सीटों की साझेदारी के तहत आईएसएफ ने 21 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है जिनमें से 10 या तो हिंदू हैं या फिर आदिवासी समुदायों से ताल्लुक रखते हैं तथा अन्य उम्मीदवार मुस्लिम हैं। 
आईएसएफ के अध्यक्ष सिमुल सोरेन ने कहा कि पार्टी दलितों, आदिवासियों, अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों के हितों का प्रतिनिधित्व करती है, चाहे वे लोग किसी भी धार्मिक मान्यता में विश्वास रखते हों। भाजपा और तृणमूल ने आरोप लगाया था कि हुगली जिले के फरफुरा शरीफ में मुस्लिम धर्मस्थल में मौलवी 34 वर्षीय सिद्दकी के साथ गठबंधन करके वाम दल और कांग्रेस ने अपनी धर्मनिरपेक्षता को त्याग दिया है। 
हालांकि माकपा के एक नेता ने इस बात से इनकार किया कि आईएसएफ एक सांप्रदायिक दल है। उन्होंने कहा, ‘‘सिद्दकी के नेतृत्व वाले गठबंधन ने समाज के पिछड़े एवं वंचित लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने का संकल्प लिया है।’’ उल्लेखनीय है कि राज्य के मतदाताओं में से लगभग 30 प्रतिशत मुस्लिम हैं। 
सिद्दकी ने इस आरोप से इनकार किया कि उनकी पार्टी चुनावी मैदान में तृणमूल के मुस्लिम आधार में सेंध लगाने के लिए उतरी है। उन्होंने हाल में दिए एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘बीते दस वर्षों में, तृणमूल कांग्रेस की सरकार ने मुस्लिम और दलितों को मूर्ख बनाया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनके लिए कुछ नहीं किया।’’ 
उन्होंने कहा, ‘‘हम यहां केवल मुस्लिम मत पाने के लिए नहीं बल्कि पिछड़ा वर्ग समुदाय के लोगों के मत पाने के लिए आए हैं।’’ सोरेन हरिपाल से चुनाव लड़ रहे हैं जबकि पार्टी ने जिन हिंदू और आदिवासी उम्मीदवारों को चुनाव में उतारा है उनके नाम हैं मिलान मंडी, विक्रम चटर्जी, गौरंगा दास, संचय सरकार और अनूप मंडल। मुस्लिम समुदाय से उसने 11 उम्मीदवार उतारे हैं। वाम दल ने आईएसएफ को 30 सीटें दी हैं जबकि कांग्रेस ने सात सीटें दी हैं।
Advertisement
Next Article