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बंगाली एक्ट्रेस Uma Dasgupta का 84 साल की उम्र में कैंसर से निधन, सत्यजीत रे की 'पाथेर पांचाली' से मिली थी पहचान

बंगाली एक्ट्रेस उमा दासगुप्ता का निधन हो गया है। उन्होंने 84 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया। सत्यजीत रे की ‘पाथेर पांचाली’ में दुर्गा का किरदार निभा चुकी उमा भारतीय सिनेमा की सबसे बहेतरीन एक्ट्रेस में से एक थी।

06:40 AM Nov 19, 2024 IST | Anjali Dahiya

बंगाली एक्ट्रेस उमा दासगुप्ता का निधन हो गया है। उन्होंने 84 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया। सत्यजीत रे की ‘पाथेर पांचाली’ में दुर्गा का किरदार निभा चुकी उमा भारतीय सिनेमा की सबसे बहेतरीन एक्ट्रेस में से एक थी।

एक्ट्रेस उमा दासगुप्ता का 84 साल की उम्र में कोलकाता में निधन हो गया. उनका निधन 18 नवंबर को हुआ. वो कई सालों से कैंसर से जूझ रही थीं. उनके निधन की खबर की पुष्टि उनके रिश्तेदार, अभिनेता और राजनेता चिरंजीत चक्रवर्ती ने की. उमा दासगुप्ता को सत्यजीत रे की फिल्म पाथेर पांचाली में दुर्गा का रोल प्ले करते हुए देखा गया था. उमा के काम को हमेशा सिनेमा सबसे आइकॉनिक मोमेंट्स में से एक के लिए याद किया जाएगा.

बता दें कि उमा दास गुप्ता बहुत कम उम्र से ही थिएटर से एसोसिएट थीं. उनके स्कूल के हेडमास्टर डायरेक्टर सत्यजीत रे के फ्रेंड थे. उनके लिए पाथेर पांचाली में उमा दास गुप्ता की कास्टिंग हुई थी. उमा ने अपने करियर में कुछ ही फिल्मों में काम किया.

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दुर्गा के रोल के लिए फेमस हैं उमा दास गुप्ता

सत्यजीत रे की 1955 में आई फिल्म का एक सीन जहां दुर्गा (उमा दासगुप्ता) और अप्पू (सुबीर बनर्जी) पहली बार ट्रेन को देखते हैं बहुत फेमस है. सुबीर बनर्जी ने कहा- मुझे फिल्म की शूटिंग याद है, यहां एक-दूसरे को चिढ़ाते थे. एक-दूसरे पर टहनियां फेंकते थे. दीदी 14 साल की थी और मैं 9, हम सगे भाई-बहन की तरह थे.

इंडियन एक्सप्रेस के मुातबिक, सुबीर बनर्जी ने उमा दासगुप्ता को याद करते हुए कहा- ‘वो बहुत दयालु थीं. ये उनकी पहली फिल्म थी. लेकिन मैं मार्गदर्शन के लिए उन पर निर्भर था. मुझे याद है कि एक बारिश के सीक्वेंस में, जहां आखिर में उनकी मौत होनी थी, हमें पूरे दिन एक बेरी के पेड़ के नीचे बैठने के लिए कहा गया था. हम बारिश के आने का इंतजार कर रहे थे. काकाबाबू (सत्यजीत रे) ने हमें वहां घंटों बैठाया था. हमारे पास खुद को एंटरटेन करने के अलावा कोई और रास्ता नहीं था. तो हम वर्ड गेम खेल रहे थे. एक-दूसरे को चिढ़ा रहे थे. फिर जब बारिश आईं तो हम कांप रहे थे. उन्होंने मुझे कसकर पकड़ा ठीक वैसे ही जैसे फिल्म में होना चाहिए था.’

उपन्यास पर आधारित थी पाथेर पांचाली 

उमा दासगुप्ता की ‘पाथेर पांचाली’ फिल्म बंगाल के महान लेखक विभूतिभूषण बंद्योपाध्याय द्वारा साल 1929 में लिखे गए पाथेर पांचाली उपन्यास पर आधारित थी। उमा की इस फिल्म ने राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समेत कई अंतरराष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीते थे।

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