Bengaluru stampede: कर्नाटक HC ने सरकार से मांगी रिपोर्ट, मंगलवार को अगली सुनवाई
कर्नाटक HC ने बेंगलुरु घटना पर मांगी जानकारी
पहली बार आईपीएल चैंपियन बनी रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) का जश्न बुधवार को बड़े हादसे में बदल गया। विजेता खिलाड़ियों के स्वागत के लिए चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर जुटी भीड़ में मची भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई। 33 घायल हैं। सभी मृतक 35 साल से कम उम्र के थे, 3 बच्चे शामिल हैं। अब इस हादसे को लेकर कर्नाटक हाईकोर्ट ने सख्त कदम उठाया है। विजय यात्रा के दौरान हुई भगदड़ में 11 प्रशंसकों की मौत के बाद कर्नाटक सरकार ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं। गृह मंत्री ने कहा है कि घटना की गंभीरता से जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। इस पूरे घटनाक्रम ने राज्य सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विपक्ष इसे प्रशासनिक विफलता बता रहा है, जबकि सरकार ने जांच का भरोसा दिलाया है। मृतकों के परिवारों और घायलों को न्याय दिलाने की मांग तेज हो गई है।
10 जून को अगली सुनवाई
कर्नाटक हाईकोर्ट ने इस हादसे पर एक्शन लेते हुए कोर्ट में कहा, भगदड़ के बाद घायलों को तुरंत उपचार मुहैया कराया गया। 1380 पुलिसकर्मी तैनात किए गए। अदालत की एक बेंच ने अटॉर्नी जनरल को रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। अगली सुनवाई 10 जून को होगी।
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10-10 लाख देने का ऐलान
RCB ने आधिकारिक बयान जारी करते हुए मृतकों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। साथ ही, घायल प्रशंसकों की मदद के लिए ‘RCB Cares’ नाम से एक विशेष फंड स्थापित किया जा रहा है, जिससे पीड़ितों को हर संभव सहायता दी जा सके। इस दर्दनाक घटना को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने कर्नाटक की कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला बोला है। बीजेपी प्रवक्ता और सांसद संबित पात्रा ने इस मामले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार की गिरफ्तारी की मांग की है। उन्होंने इस घटना की तुलना ‘अल्लू अर्जुन केस’ से करते हुए राज्य सरकार की लापरवाही और सुरक्षा इंतजामों की आलोचना की।