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रविवार को बेंगलुरु में जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि कश्मीर भारत का हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा।बता दें 'संविधान और राष्ट्रीय एकता सम्मेलन-2024' में समापन भाषण देते हुए श्रीनगर से लोकसभा सदस्य अब्दुल्ला ने आगामी आम चुनावों के मद्देनजर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के बारे में चिंता व्यक्त की। उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि निर्वाचन आयोग यह सुनिश्चित करेगा कि चुनाव निष्पक्ष हो।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम अब्दुल्ला ने कहा, ''मैं अपने लोगों की ओर से आपके लिए शुभकामनाएं लेकर आया हूं। उन्होंने कहा कि हालांकि, राष्ट्र को मजबूत बनाने के लिए इसकी विविधता को संरक्षित किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, ''धर्म हमें विभाजित नहीं करता, धर्म हमें एकजुट करता है। ऐसा कोई धर्म नहीं है जो कि खराब है बल्कि हम लोग इसका गलत अनुसरण करते हैं।
फारूख ने यह दावा किया कि आज संविधान खतरे में है और संविधान को मजबूत रखने के लिए हर किसी को एक साथ मिलकर काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं करते हैं तो हमें आने वाले दिनों में इसका खेद होगा। जैसा कि आज हम इस मशीन (ईवीएम) पर खेद करते हैं जो कई साल पहले आई थी। उन्होंने कहा, ''आज हम इस मशीन पर यकीन नहीं करते हैं क्योंकि इसमें छेड़छाड़ की गयी है और वोट देने वाले लोग यह नहीं जान पाते कि उनका वोट उसी प्रत्याशी को गया है जिसके सामने का उन्होंने बटन दबाया था। मैं उम्मीद करता हूं कि निर्वाचन आयोग इस पर ध्यान देगा और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करेगा.''
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत के धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक चरित्र को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की ओर से समर्थित फासीवादी 'हिंदुत्व राष्ट्र' में बदलने का प्रयास जारी है जिसका समाज 'मनुस्मृति' और जातिगत दमन तथा वर्गीकरण पर आधारित होगा।येचुरी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) देश तथा संविधान को कथित तौर पर बर्बाद करने पर तुले हुए हैं और उन्हें पद से हटाया जाना चाहिए तथा पराजित किया जाना चाहिए। भारत को बचाने के लिए हमें इस अमृत काल को लोगों के अमृत काल में बदलना होगा।