15 लाख दीपों के साथ स्वर्ग जैसे चमकेंगे काशी के ये घाट, देव दीपावली पर ज़रूर बनाएं जाने का प्लान
Best Places to Watch Dev Deepawali in Varanasi: दिवाली के ठीक 15 दिन बाद काशी में बड़े ही धूम-धाम से देव दीपावली मनाई जाती है। इसे देवताओं की दिवाली कहा जाता है। इस दिन पूरी काशी नगरी दीयों की रौशनी से जगमगाती है। माना जाता है कि इस दिन देवता खुद धरती पर आकर गंगा घाट पर दीप जलाते हैं। देव दीपावली हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। इस बार देव दीपावली 05 नवंबर 2025 को मनाई जाएगी।
Dev Deepawali 2025: देव दीपावली शुभ दिन
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था। उसी ख़ुशी में देवताओं ने स्वर्ग और पृथ्वी पर दीप जलाकर इस ख़ुशी को धूम-धाम से मनाया था। तब से अभी तक हर साल इसी दिन देव दीपावली मानाने की परम्परा चली आ रही है। देव दीपावली को बहुत ही पवित्र माना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन जो भी लोग गंगा में स्नान करते हैं, उन्हें जन्म-जन्मांतर के पापों से मुक्ति मिल जाती है।
इस दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु वाराणसी के घाटों पर दीप जलाते हैं और भगवान शिव तथा गंगा माता की पूजा करते हैं। आइए जानते हैं कि वाराणसी में ऐसे कौन-कौन से घाट हैं, जहां से देव दीपावली के अद्भुत नज़ारे देख सकते हैं।
Best Places to Watch Dev Deepawali in Varanasi: देव दीपावली देखने के लिए बेहतरीन घाट
देव दीपावली के दौरान वाराणसी के लगभग सभी घाट सजे होते हैं, लेकिन सबसे प्रसिद्ध घाट हैं।
- दशाश्वमेध घाट
 - राजा घाट
 - अस्सी घाट
 - पंचगंगा घाट
 - राजघाट
 
इस दिन इन घाटों पर दीपों की जगमगाहट और गंगा आरती का दृश्य अद्भुत नजर आता है। देश-विदेश से लोग इस नज़ारे को देखने के लिए आते हैं।
इस दिन आप अस्सी घाट, राजा घाट या दशाश्वमेध घाट से नाव बुक कर सकते हैं। नावों से यहां का नजारा देखने में बहुत ही बेहतरीन लगता है। पहले से ही नाव को बुक कर लेना चाहिए, क्योंकि उस दिन वहां बहुत भीड़ रहती है। देव दीपावली देखने के लिए शाम के समय, सूर्यास्त के बाद से लेकर रात 9 बजे तक का समय सबसे बेस्ट होता है। इसी दौरान दीपदान, गंगा आरती और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
अगर आप भीड़-भाड़ वाली जगह से बचकर दीपावली देखना चाहते हैं, तो इन कुछ घाटों पर जा सकते हैं।
- भैंसासुर घाट
 - रीवा घाट
 - नागवा घाट
 
यह तीन घाट बहुत ही शांत और कम भीड़ वाले होते हैं और यहां से गंगा किनारे दीपों का शांत दृश्य बहुत सुंदर लगता है।
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