W3Schools
For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

200 रुपए के लिए देश से गद्दारी! पाकिस्तान को भेजता था खुफिया जानकारियां

Indian Coast Guard : सिर्फ 200 रुपए के लिए एक शख्स भारत की खुफियां जानकारियां पाकिस्तान को बेच रहा था। इसे गुजरात की एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) ने गिरफ्तार कर लिया है।

08:52 AM Nov 30, 2024 IST | Ranjan Kumar

Indian Coast Guard : सिर्फ 200 रुपए के लिए एक शख्स भारत की खुफियां जानकारियां पाकिस्तान को बेच रहा था। इसे गुजरात की एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) ने गिरफ्तार कर लिया है।

200 रुपए के लिए देश से गद्दारी  पाकिस्तान को भेजता था खुफिया जानकारियां
Advertisement

ATS : भारतीय तटरक्षक बल के जहाजों की मूवमेंट के बारे में एक शख्स पाकिस्तानी एजेंट को जानकारी दे रहा था। उसे गुजरात से गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी की पहचान गुजरात के ओखा पोर्ट पर काम करने वाले दीपेश गोहिल के रूप में हुई है। दीपेश हर दिन 200 रुपए पाने के लिए देश की सुरक्षा से जुड़ी संवेदनशील जानकारियां पाकिस्तानी जासूस को उपलब्ध कराता था। आरोपी को गुजरात की एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड ने गिरफ्तार कर लिया है।

कई महीनों से पाक एजेंट के संपर्क में था

रिपोर्ट्स के अनुसार दीपेश कई महीनों से पाकिस्तान में बैठे एजेंट के संपर्क में था। वह 40 हजार से ज्यादा रुपए ले चुका है। दरअसल, कुछ महीने पहले आरोपी दीपेश की सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर साहिमा नाम की महिला से दोस्ती हुई थी। फिर दोनों व्हाटसऐप पर बात करने लगे। साहिमा पाकिस्तानी जासूस निकली, उसने ओखा बंदरगाह पर गस्त करने वाली तटरक्षक बल के गश्ती पोतों से जुड़ी जानकारियां मांगनी शुरू की। तब से दीपेश भारत की संवेदनशील जानकारियां पाकिस्तान एजेंट को भेज रहा था। इसके एवज में दीपेश को हर दिन 200 रुपए मिलते थे।

एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड ने क्या कहा

आरोपी की गिरफ्तारी के बाद गुजरात की एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड के अधिकारी ने कहा कि हमें सूचना मिली थी कि ओखा का एक शख्स वॉट्सऐप के जरिए पाकिस्तान की नौसेना या आईएसआई के एजेंट के साथ कोस्ट गार्ड की नाव से जुड़ी जानकारी साझा कर रहा था। जांच बाद ओखा निवासी दीपेश गोहिल को गिरफ्तार कर लिया गया है। वह जिस नंबर से संपर्क में था, वो पाकिस्तान का था।

दोस्त के खाते में ट्रांसफर करवाता था पैसे

दीपेश के पास अपना बैंक अकाउंट नहीं था। वह अपने दोस्त के खाते में पैसे ट्रांसफर करवाता था। अपने दोस्त को भी बताया था कि अकाउंट में आने वाले पैसे वेल्डिंग के काम के बदले मिले हैं।

Advertisement
Advertisement
Author Image

Ranjan Kumar

View all posts

Advertisement
×