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डीप फेक-साइबर क्राइम से सावधान

01:23 AM Nov 26, 2023 IST | Kiran Chopra

इसमें कोई शक नहीं कि आज का जमाना कम्प्यूटर का है। टैक्नोलॉजी कदम-कदम पर है लेकिन वो कहा गया है कि हर चीज का अत्यधिक होना घातक है।
मैं इसमें एक जानकारी रखना चाहूंगी कि हर व्यक्ति को आम हो या खास, पढ़ा-लिखा हो या अनपढ़ हो उसे टैक्नोलॉजी के बारे में ज्ञान जरूर होना चाहिए। अगर आपको मोबाइल सही तरीके से इस्तेमाल करना आता हो लेकिन आप दूसरों के हाथ में इसी मोबाइल से खेलने लग जाए तो फिर यही कहा जाएगा कि टैक्नोलॉजी का अत्यधिक होना खतरनाक है। मोबाइल से से लूटपा​ट का धंधा वह लोग कर रहे हैं जो पढ़े-लिखे तो नहीं लेकिन टैक्नोलॉजी का प्रयोग करते हुए उसे अपने अनुकूल बना कर नए-नए हथकंडे अपना रहे हैं। इसीलिए साइबर क्राइम बढ़ता जा रहा है। सोशल मीडिया के अत्यधिक प्रयोग और इसके गलत इस्तेमाल ने तरह-तरह के अपराध को जन्म दे डाला है। साइबर क्राइम एक आम बात हो गया है और इसी कड़ी में अब अगर डीप फेक का इस्तेमाल हो रहा है जो​ कि एक बहुत बड़ा अपराध है तो हम यही कहेंगे कि यह सोशल मीडिया के अत्यधिक चलन का नतीजा है। सोशल मीडिया पर आप सस्ते में प्रचार पा सकते हैं। इसी चीज को देखकर कंपनियां इनका ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करने लगी हैं लेकिन अगर मंशा बुरी हो यानि कोई इसका गलत इस्तेमाल कर रहा है तो समझ लो एक बड़ा अपराध तंत्र काम कर रहा है।
अब सवाल पैदा होता है कि डीप फेक क्या है? डीप फेक किसी की तस्वीर या वीडियो से छेड़छाड़ के साथ फेस बदलने और उस व्यक्ति की रूबरू आवाज बना देने का मामला है। उदाहरण के तौर पर पेशेवर अपराधी किसी बड़ी हस्ती का वीडियो उठाकर उसकी आवाज बदल देते हैं और जो कोई चाहता है उसे वैसा ही बनाकर वायरल कर दिया जाता है। ​इसलिए अब सरकार डीप फेक और साइबर क्राइम को लेकर कड़े नियम बनाने जा रही है। ​पिछले दिनों ही प्रधानमंत्री मोदी ने डीप फेक के बारे में लोगों को अलर्ट किया था और उनके खुद के बने हुए डीप फेक को लेकर चिंता व्यक्त की थी। अब समय आ गया है कि लोगों को हर कदम पर टैक्नोलॉजी के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। कम से कम इतनी जानकारी तो होनी चाहिए कि वह साइबर क्रिमिनल के प्रलोभन से बच सकें।
खुद सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव से पिछले दिनों सोशल मीडिया के प्रतिनिधि मिले और अपनी चिंता जताई, जिस पर मंत्री महोदय ने कहा कि सरकार ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्ती से पेश आएगी और भारी जुर्माना ​भी किया जाएगा। पिछले दिनों बालीवुड के अनेक कलाकारों के डीप फेक वीडियो बनाकर सोशल ​मीडिया पर डाले गए थे जिस पर लोगों ने आपत्ति दर्ज कराई थी। किसी लड़की का फेस बदलकर बाकी कोई फिगर बदलकर उसकी आवाज तक बदलने के बाद क्रिमिनल लोग ब्लैकमेलिंग का धंधा करते हैं, जिसे रोका जाना चाहिए। मेरा मानना है कि पहले जरूरी बात यह हो कि डीप फेक का पता लगाया जाए तभी लोगों को बचाया जा सकता है। जब तक लोग खुद जागरूक नहीं होंगे तब तक वे क्राइम का शिकार होते रहेंगे। मुझे याद है जब मोबाइल नया-नया शुरू हुआ था उसने पहले टेलीफोन और फिर पेजर की छुट्टी की तो बाद में लोग इसकी उपयोगिता का लाभ उठाते हुए अपने पास दो-दो, तीन-तीन मोबाइल रखने लगे। क्रिमिनल लोगों को एसएमएस करते कि आपकी लाटरी लगी है या कोई इवेंट आयोजित किया गया है वहां आपके नम्बर पर इनाम निकला है, कृपया हमारे एक नम्बर पर हमें कॉल करें, बस इसके बाद क्राइम का सिलसिला तेज हो गया। यही साइबर क्राइम है। टैक्नोलॉजी से अनभिज्ञ लोग फंस जाते हैं। एक लिंक पर क्लीक करते ही लोगों के खाते से पैसे निकल रहे हैं। क्योंकि लोग जागरूक नहीं हैं। सारी एआई अर्थात आर्टिफिशियल इंटेलीजेंट टैक्नोलॉजी की ट्रिक है और लोगों को इसकी चपेट में आने से बचना चाहिए। जब तक हम खुद लगाम अपने हाथ में नहीं रखेंगे तब तक डीप फेक और साइबर क्राइम से बच नहीं पाएंगे।
आने वाले दिनों में सरकार को नए नियम लाने होंगे जो नया एजैंडा इस मामले में लाया जाएगा उसे व्यापक स्तर पर प्रसारित किया जाना चाहिए। ताकि लोग ज्यादा से ज्यादा जागरूक बन सकें। सब जानते हैं कि ​किसी भी हस्ती के वीडियो की एडिटिंग अगर क्रिमिनल लोग करने लगेंगे तो कोई भी सुरक्षित नहीं रहेगा। कड़ी से कड़ी सजा के अलावा भारी जुर्माना भी होना चाहिए। इसे गम्भीर अपराध की श्रेणी में रखते हुए कड़ी सजा तय करनी होगी, हमें सरकार से तुरन्त एक्शन का जल्द इंतजार रहेगा।

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