Top NewsIndiaWorld
Other States | Delhi NCRHaryanaUttar PradeshBiharRajasthanPunjabJammu & KashmirMadhya Pradeshuttarakhand
Business
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

'सावधान' अगले साल दुनिया में कहर बरपाएगा Super El Nino, मचेगी तबाही!

02:15 PM Oct 23, 2023 IST | Ritika Jangid

इस साल आधी दुनिया जहां बाढ़ जैसी समस्या से जूझ रहे थे, वहीं कई देशों में भीषण गर्मी जैसी समस्या देखने को मिली थी। लेकिन अब अमेरिका के जलवायु पूर्वानुमान केंद्र (Climate Prediction Center) की तरफ से एक और चौंकाने वाली खबर सामने आई है। जहां एजेंसी ने बताया है कि अगले साल सुपर अल नीनो (Super El Nino) का असर पूरे उत्तरी गोलार्ध में देखने को मिलेगा।

Advertisement

एजेंसी के मुताबिक इस बात की 75-85 फीसदी आशंका है कि यह अल नीनो बहुत ताकतवर होगा। इसके चलते नवंबर से जनवरी के बीच भूमध्य रेखीय समुद्र का तापमान औसत 1.5 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है। क्लाइमेट प्रेडिक्शन सेंटर ने आशंका जताई है कि 30 फीसदी तक अल नीनो की वजह से तापमान 2 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है। इस वजह से पूरी दुनिया के मौसम पैटर्न पर असर पड़ेगा। वहीं, भयंकर गर्मी पड़ेगी और इसके अलावा सूखा और बाढ़ जैसी आपदाएं आ सकती है।

बता दें, एक रिपोर्ट के मुताबिक, अल नीनो का असर ग्लोबल इकोनॉमी और खेती पर दिखेगा। कई देशों में फसल उत्पादन पर नकारात्मक असर देखने को मिल सकता है। साउथ अफ्रीका, साउथ ईस्ट एशिया, ऑस्ट्रेलिया और ब्राजील जैसे देश सर्वाधिक प्रभावित हो सकते हैं, जहां पहले से ही तापमान गर्म होता है।

वहीं, अगर भारत की बात करे तो भारत में ऐसे कई इलाके पहले से ही है जहां पानी का संकट है और वहां सिंचाई के लिए बमुश्किल पानी मिलता है। ऐसे में अल नीनो की वजह से सूखे की समस्या पैदा हो सकती है। खाद्दान संकट भी पैदा हो सकती है।

हालांकि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग का अनुमान है कि भारत में सुपर अल नीनो का असर सामान्य ही रहेगा। क्योंकि जिस वक्त अल नीनो का कहर के बात की गई है वो नॉर्थ ईस्ट मॉनसून का वक्त होता है। जो अक्टूबर से दिसंबर तक चलता है। मौसम विभाग ने कहा है कि इस अल नीनो के बावजूद दक्षिण भारत में सामान्य बारिश हो सकती है।

वहीं, सरल शब्दों में कहे तो अल नीनो एक ऐसा इफेक्ट है, जिसकी वजह से तापमान बढ़ जाता है। मालूम हो, साल 1997-98 और 2015-16 में सुपर अल नीनो आया था। तब भी तापमान में बढ़ोतरी हुई थी और कई देशों में सूखा तो कई जगह बाढ़ की समस्या देखी गई थी।

Advertisement
Next Article