Bhangarh Fort Mystery: राजस्थान के भानगढ़ किले में क्यों जाने से डरते हैं लोग, जाने इसके पीछे का पूरा सच
Bhangarh Fort Mystery: भारत में ऐसे बहुत से किले हैं, जिसके अपने-अपने रहस्य हैं। लेकिन लोगों को ऐसी जगहों पर घूमना काफी पसंद होता है। ऐसा ही एक भानगढ़ का किला राजस्थान के अलवर में स्थित है। आज भी ऐसे बहुत से लोग हैं, जो यहां जाने से डरते हैं। यह किला देखने में जितना डरावना लगता उससे कई ज्यादा डरावनी इसकी कहानियां हैं। इस किले के आस-पास आने से भी लोग डरते हैं।
लेकिन इस किले के अंदर जाना मना है। लोगों का मानना है कि इस किले से जुड़ा जो रहस्य है, वो भूतिया कहानियों से जुड़ा हुआ है। आइए जानते हैं, आज भी लोग क्यों नहीं जाना चाहते हैं इस किले के अंदर और इसे लोग भूतिया किला क्यों कहते हैं।
Bhangarh Fort History: भानगढ़ किले का इतिहास

इस किले का निर्माण होने के पीछे की कहानी काफी खौफनाक है। भानगढ़ किले का निर्माण 1573 ई. में आमेर के कछवाहा शासक राजा भगवंत सिंह ने अपने छोटे बेटे माधो सिंह के लिए करवाया था। माधो सिंह के भाई प्रसिद्ध मान सिंह अकबर के सेनापति थे। माधो सिंह का उत्तराधिकारी उसका पुत्र छत्र सिंह हुआ। छत्र सिंह के पुत्र अजब सिंह ने अजबगढ़ का किला बनवाया था। इस किले का रहस्य जानने और घूमने के लिए लोग यहां दूर-दूर से आते हैं।
Bhangarh Fort Haunted Story: भानगढ़ किले का खौफनाक राज

जो इस किले को गाइड करते हैं, उसका कहना है कि छत्र सिंह की बेटी रानी राजकुमारी रत्नावती भानगढ़ किले में रहती थी। रत्नावती अपने सौतेले भाई अजब सिंह से बहुत छोटी थी। इस राजकुमारी की सुंदरता और इनके अच्छे स्वभाव के किस्से काफी दूर-दूर तक फैले हुए थे। उनकी सुंदरता को देखते हुए राजकुमारी को शादी के कई प्रस्ताव आते थे। इसी बीच काला जादू करने वाले एक तांत्रिक को राजकुमारी से प्यार हो गया। तांत्रिक को ये बात पता थी कि राजकुमारी उसे कभी नहीं मिलेगी। उसके बावजूद भी तांत्रिक उसके पीछे पड़ा था। एक दिन राजकुमारी की दासी गांव में उसके लिए इत्र खरीदने गई थी।
जब तांत्रिक ने उसकी दासी को देखा, तो उसने उसके हाथों में मौजूद इत्र पर काला जादू कर दिया। जिससे राजकुमारी रत्नावती को उस तांत्रिक से प्यार हो जाए। जब रत्नावती को इस बात का पता चला तो उन्होंने इत्र की बोतल फेंक दी। बोतल टूटने के बाद उसके अंदर से कुछ अजीब और बड़ी चीज निकली और तांत्रिक से टकराई। जिसके बाद तांत्रिक उसके नीचे दबकर मर गया। लेकिन मरने से पहले तांत्रिक ने राजकुमारी, उसके पूरे परिवार और सभी गांव वालों को श्राप दे दिया।

उसके अगले साल ही भानगढ़ और अजबगढ़ की सेनाओं के बीच काफी भयंकर लड़ाई हुई। जिसके कारण उस लड़ाई में राजकुमारी रत्नावती और अधिकतर सेनाओं की मृत्यु हो गई। लोगों का कहना है कि तांत्रिक के श्राप के कारण ही ये घटना हुई। राजकुमारी की मृत्यु के बाद से ही इस किले में भूतों का वास है। तभी आज भी लोग यहां जाने से डरते हैं। कहा जाता है कि इस किले में दिन के समय भी अंधेरा रहता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस किले से अजीबोगरीब आवाज आती है। जिसमें किसी औरत के चिल्लाने, चूड़ियां तोड़ने और रोने की आवाज आती है। सूर्यास्त होने के बाद यहां जाने की अनुमति बिल्कुल नहीं है।
Note: हालांकि इस बात को प्रमाणित नहीं किया गया है कि यह किला भूतिया है या नहीं। इस लेख में दी गई जानकारी मान्यताओं पर आधारित है। पंजाब केसरी इसकी पुष्टि नहीं करता है।