आमने-सामने आए बाइडन और पुतिन, यूक्रेन पर हुआ हमला तो रूस को करना होगा इन कड़े प्रतिबंधों का सामना
रूसी संसद द्वारा राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को देश से बाहर सेना के प्रयोग की अनुमति देने के बाद मंगलवार को यूक्रेन के मुद्दे पर मॉस्को और पश्चिमी देशों के बीच गतिरोध बढ़ गया।
11:50 AM Feb 23, 2022 IST | Desk Team
रूसी संसद द्वारा राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को देश से बाहर सेना के प्रयोग की अनुमति देने के बाद मंगलवार को यूक्रेन के मुद्दे पर मॉस्को और पश्चिमी देशों के बीच गतिरोध बढ़ गया। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और यूरोपीय नेताओं ने इसके जवाब में रूस के बड़े व्यवसायियों और बैंकों पर प्रतिबंध लगा दिए। बाइडन और पुतिन ने संकेत दिया है कि यह गतिरोध आगे और बढ़ सकता है। पुतिन यूक्रेन पर डेढ़ लाख सैनिकों के साथ हमला करने को तैयार हैं और बाइडन ने अभी तक रूस को आर्थिक रूप से अधिक नुकसान पहुंचाने वाले प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया है।
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रूस ने किया यूक्रेन पर हमला तो US की और से लागु होने कड़े प्रतिबंध
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि अगर हमला होता है तो पाबंदियां लगाई जाएंगी। पुतिन द्वारा यूक्रेन में विद्रोही सेनाओं के कब्जे वाले इलाकों को स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता देने के बाद नाटो के पूर्व में रूस की सीमा पर स्थित बाल्टिक देशों में अतिरिक्त अमेरिकी सैनिक तैनात किये गए हैं। व्हाइट हाउस में बाइडन ने कहा कि क्रेमलिन ने अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन किया है और यह “यूक्रेन पर रूस के हमले की शुरुआत है।” वहीं रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को पूर्वी यूक्रेन में दो अलग-अलग क्षेत्रों को स्वतंत्र देशों के रूप में मान्यता देने के बाद सैनिकों की तैनाती का आदेश दिया था।
2 अलगाववादी क्षेत्रों को स्वतंत्र मान्यता देने से बढ़ा विवाद
पुतिन के इस कदम की अमेरिका ने निंदा की और रूस पर नए प्रतिबंधों को लागु करने का फैसला किया। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को कहा कि पूर्व सोवियत देश (यूक्रेन) के अलगाववादी क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता देने के बाद, पूर्वी यूक्रेन में संघर्ष को समाप्त करने के लिए शांति समझौते अब मौजूद नहीं हैं। पुतिन ने कहा कि “मिन्स्क समझौते अब मौजूद नहीं हैं, हमने डीएनआर और एलएनआर को मान्यता दी है।” रुसी संसद द्वारा पुतिन को रूस के बाहर सेना का उपयोग करने की अनुमति देने के बाद उन्होंने बात की। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि अगर यूक्रेन नाटो को छोड़ देता है और तटस्थता अपनाता है तो यह ‘सर्वश्रेष्ठ’ है।
जानें किस तरह के प्रतिबंधों का रूस करेगा सामना
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने रूस के खिलाफ प्रतिबंधों की पहली लहर की घोषणा की, जो उन्होंने कहा था कि यूक्रेन पर आक्रमण की शुरुआत थी और अगर रूस ने अपनी आक्रामकता जारी रखी तो आगे कड़ी सजा दी जाएगी। अन्य बातों के अलावा, प्रतिबंध रूसी बैंकों और संप्रभु ऋण को लक्षित करते हैं। यदि रूस की ओर से यूक्रेन पर अटैक किया जाता है तो बाइडन प्रशासन की ओर से टेक प्रोडक्ट्स की सप्लाई पर रोक लगाई जा सकती है। कॉमर्शियल इलेक्ट्रॉनिक्स, कंप्यूटर्स, सेमीकंडक्टर्स और एयरक्राफ्ट के पार्ट्स की सप्लाई इससे प्रभावित हो सकती है।
जानें क्या है अमेरिका की रणनीति
अमेरिका की रणनीति यह है कि लेजर, टेलिकॉम इक्विपमेंट्स से लेकर मैरीटाइम आइटम्स तक की सप्लाई पर रोक लगा दी जाए। मंगलवार को बाइडेन प्रशासन ने रूस पर जो प्रतिबंध लगाए हैं, उनमें यह शामिल नहीं है। अमेरिकी सरकार के एक अधिकारी ने कहा, ‘यदि पुतिन यूक्रेन से जंग में आगे बढ़ते हैं तो फिर हम भी आगे बढ़ेंगे। हमारी तरफ से आर्थिक प्रतिबंधों को लागू किया जा सकता है। इसके साथ ही एक्सपोर्ट पर भी कंट्रोल हो सकता है। अभी हम इस पर ऐलान करने वाले हैं।’
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