बाइडन ने महिलाओं के अधिकारों के संरक्षण के लिए हरसंभव प्रयास करने का संकल्प जताया
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने शुक्रवार को कहा कि वह उन राज्यों में गर्भपात संबंधी नियमों के मद्देनजर महिलाओं के अधिकारों के संरक्षण के लिए अपनी ‘‘क्षमतानुसार’’ हरसंभव प्रयास करेंगे, जहां इन्हें प्रतिबंधित किया जाएगा।
03:55 AM Jun 25, 2022 IST | Shera Rajput
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने शुक्रवार को कहा कि वह उन राज्यों में गर्भपात संबंधी नियमों के मद्देनजर महिलाओं के अधिकारों के संरक्षण के लिए अपनी ‘‘क्षमतानुसार’’ हरसंभव प्रयास करेंगे, जहां इन्हें प्रतिबंधित किया जाएगा।
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उच्चतम न्यायालय द्वारा गर्भपात के लिए संवैधानिक सुरक्षा को खत्म करने के बाद बाइडन का यह बयान सामने आया है।
अमेरिका के उच्चतम न्यायालय ने कई साल पहले रो बनाम वेड मामले में दिए गए फैसले को पलटते हुए गर्भपात के लिए संवैधानिक संरक्षण को समाप्त कर दिया है। शुक्रवार को हुए इस घटनाक्रम से लगभग आधे राज्यों में गर्भपात पर प्रतिबंध लगने की संभावना है।
बाइडन ने कहा कि राजनेताओं को उन फैसलों में हस्तक्षेप की अनुमति नहीं दी जाएगी जोकि एक महिला और उसके चिकित्सक के बीच होगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने अदालती फैसले को ‘‘गलत’’ करार दिया है। उन्होंने गर्भपात के लिए संवैधानिक सुरक्षा की वकालत करने वालों से अपील की कि वे केवल शांतिपूर्ण तरीके से विरोध-प्रदर्शन करें।
बाइडन ने व्हाइट हाउस से संबोधित करते हुए कहा, ‘‘आज का दिन अदालत और देश के लिए एक दुखद दिन है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह स्पष्ट कर दूं कि पूरे देश में महिलाओं का स्वास्थ्य और जीवन अब खतरे में है।’’
बाइडन ने कहा कि अदालत ने कुछ ऐसा किया है जो पहले कभी नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि अदालत ने अमेरिकी जनता को अचानक एक संवैधानिक अधिकार से वंचित कर दिया।
इस बीच, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उच्चतम न्यायालय के फैसले की सराहना की। उन्होंने ‘फॉक्स न्यूज’ के साथ साक्षात्कार में कहा कि यह फैसला प्रत्येक व्यक्ति के हित में है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह फैसला संविधान का पालन और अधिकारों को बहाल करने जैसा है, जोकि बहुत पहले आ जाना चाहिए था।’’
उधर, इस फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय के बाहर विरोध-प्रदर्शन की आशंका के चलते पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं।
पुलिस का कहना है कि वाशिंगटन में अन्य स्थानों पर भी सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा किया जा रहा हैं और ऐसे स्थानों पर अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की जा रही है, जहां व्यापक विरोध-प्रदर्शन होने की आशंका है।
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