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देश में लोकसभा चुनाव की तैयारियां पूरे जोरो- शोरो पर चल रही है। इस चुनावी मैदान में सभी पार्टियां अपने दिग्गज को उतार रहें हैं। वहीं इन सब के बीच बिहार से एक एनडीए के पूर्व सांसद अरुण कुमार ने लोक जनशक्ति पार्टी से अलग हो गये हैं। उन्होंने पार्टी छोड़ दी है। अरुण कुमार ने चिराग पासवान पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। वह अगड़ी जाति भूमिहार वर्ग के कद्दावर नेता हैं।
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अरुण कुमार ने कहा कि मैं दो दिनों से पटना में हूं और बहुत जल्द अपने कार्यकर्ताओं से मिलकर इस पर निर्णय लूंगा। अरुण कुमार ने कहा कि मैं अब लोक जनशक्ति पार्टी में नहीं हूं। यह बिल्कुल स्पष्ट है और यह बिहार की जनता जानती है कि मेरे साथ क्या हुआ।अरुण कुमार के पार्टी छोड़ने के कारण पूछने पर उन्होंने बताया कि मैंने किन परिस्थितियों में उनका साथ दिया। किन परिस्थितियों में हमने उनके कहने पर अपनी पार्टी को मर्ज करा दिया।
अरुण कुमार ने कहा कि मेरे दोस्त और मुझे जानने वाले लगातार यह कहते रहे कि एक न एक दिन उन्हें चिराग से धोखा ही मिलेगा लेकिन मैंने किसी की बात नहीं मानी। उनके चाचा पशुपति पारस ने उन्हें धोखा दिया उस समय भी मैं उनके साथ खड़ा रहा लेकिन अंततः चिराग ने वही किया जिस बात से लोग मुझे आगाह कर रहे थे। अरुण कुमार ने कहा कि चिराग ने मुझे आश्वस्त किया था कि वह मुझे नवादा या जहानाबाद से उम्मीदवार बनायेंगे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। इससे पहले यह भी कहते रहे कि मैं नीतीश कुमार के साथ नहीं जाऊंगा लेकिन अंतत क्या हुआ, वह अपनी बात से पलट गये। चिराग ने मुझे धोखा दिया है। अरुण कुमार ने कहा कि अपने 40 साल के राजनीतिक जीवन में मुझे इससे बड़ा धोखा नहीं मिला था जो चिराग ने मुझे अब दिया है।
अरुण कुमार ने कहा कि हमलोग हिमालय पर्वत पर माला जपने वाले साधु नहीं है। हमने तो जन सुविधाओं के लिए अपनी ताकत को बढ़ा करके जनता को ताकत देने के लिए 40 वर्षों से राजनीति कर रहे हैं। अरुण कुमार ने कहा कि लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) से इन्ही सब वजह से मैंने खुद को उनसे अलग कर लिया है।