बच्चा चोरी के शक में गर्भवती-दिव्यांग महिला को बुरी तरह पीटा
दरअसल नॉर्थ-ईस्ट डिस्ट्रिक्ट के हर्ष विहार इलाके में एक पांच माह की गर्भवती व दिव्यांग महिला को लोगों ने बच्चा चोरी के शक में बुरी तरह पीट दिया।
05:58 AM Sep 02, 2019 IST | Desk Team
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पूर्वी दिल्ली : देश के अलग-अलग राज्यों में कोहराम मचा चुका बच्चा चोरी गिरोह की अफवाह के भूत ने राजधानी दिल्ली में भी दस्तक दे दी है। दरअसल नॉर्थ-ईस्ट डिस्ट्रिक्ट के हर्ष विहार इलाके में एक पांच माह की गर्भवती व दिव्यांग महिला को लोगों ने बच्चा चोरी के शक में बुरी तरह पीट दिया। इस बीच लोगों ने उसकी वीडियो भी बना ली। वीडियो महिला के घर वालों तक पहुंची तो उसकी पहचान हुई। वह पिछले 14 दिनों से गायब थी।
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पीड़ित महिला की पहचान प्रियंका (25) के तौर पर हुई है। इस मामले में पुलिस मारपीट समेत विभिन्न संबंधित धाराओं में केस दर्ज कर महिला समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पकड़े गए आरोपियों की पहचान दीपक (27), सी ललित कुमार (29) और बी शकुंतला (52) के तौर पर हुई है। जानकारी के मुताबिक, महिला की मां रामो देवी पुल प्रहलादपुर के पास स्थित वीपी सिंह कैंप में रहती हैं। वह दफ्तरों में झाड़ू-पोंछा का काम करती हैं। उनके पति की कई साल पहले मौत हो चुकी है।
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रामो देवी ने बताया कि करीब डेढ़ साल पहले उन्होंने अपनी बेटी प्रियंका की शादी फरीदाबाद सेक्टर- 20बी की कृष्णा कॉलोनी निवासी सुनील के साथ की थी। 18 अगस्त को ससुराल वालों ने प्रियंका को घर से निकाल दिया। प्रियंका बचपन से ही बोल नहीं पाती है। इसलिए वह भटककर कहीं और चली गई। 18 अगस्त को ही प्रियंका के ससुर ने उन्हें बताया कि प्रियंका कहीं चली गई है। इसके बाद से रामो देवी व उनके बेटे संदीप ने खोजना शुरू किया। उसके पोस्टर भी लगवाएं लेकिन कई दिनों तक प्रियंका का कोई पता नहीं चला।
प्रियंका के भाई संदीप ने बताया कि 28 अगस्त को इलाके के एक लड़के ने उन्हें वीडियो दिखाया जिसमें लोग बच्चा चोर समझकर उनकी बहन को बुरी तरह से पीट रहे हैं। जहां पर बहन को पीटा जा रहा था वहां के एक घर की नंबर प्लेट पर पूरा पता लिखा था। उसी पते के आधार पर वह मंडोली की गली नंबर 11 पहुंचे। वहां प्रियंका की पिटाई की घटना की पुष्टि होने के बाद उन्होंने हर्ष विहार थाने में संपर्क किया। रात को ही वह थाने पहुंचे।
वहां बताया गया कि इस घटना की पीसीआर कॉल के बाद प्रियंका को थाने लाया गया था। लेकिन बोलने में असमर्थ होने के कारण वह अपने बारे में कुछ बता नहीं पा रही थी, इसलिए चार-पांच घंटे बाद उसे छोड़ दिया गया। हालांकि अगले दिन पुलिस ने फिर से प्रियंका को खोज निकाला और परिजनों के हवाले कर दिया।
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