टॉप न्यूज़भारतविश्वराज्यबिजनस
खेल | क्रिकेटअन्य खेल
बॉलीवुड केसरीराशिफलसरकारी योजनाहेल्थ & लाइफस्टाइलट्रैवलवाइरल न्यूजटेक & ऑटोगैजेटवास्तु शस्त्रएक्सपलाइनेर
Advertisement

यूक्रेन से स्वदेश पहुंचे भारतीय छात्रों ने बताई आपबीती, कहा- यूक्रेनी सैनिकों ने किया मानसिक रूप से परेशान

यूक्रेन में रूसी हमले के बाद युद्धग्रस्त क्षेत्र से बचकर स्वदेश पहुंची एक भारतीय छात्रा ने बुधवार को आपबीती सुनाई कि पोलैंड में दाखिल होने की अनुमति देने से पहले यूक्रेनी सैनिकों ने बेहद अजीब बर्ताव करके उस जैसे कई मेडिकल विद्यार्थियों को मानसिक रूप से परेशान किया।

08:08 PM Mar 02, 2022 IST | Desk Team

यूक्रेन में रूसी हमले के बाद युद्धग्रस्त क्षेत्र से बचकर स्वदेश पहुंची एक भारतीय छात्रा ने बुधवार को आपबीती सुनाई कि पोलैंड में दाखिल होने की अनुमति देने से पहले यूक्रेनी सैनिकों ने बेहद अजीब बर्ताव करके उस जैसे कई मेडिकल विद्यार्थियों को मानसिक रूप से परेशान किया।

यूक्रेन में रूसी हमले के बाद युद्धग्रस्त क्षेत्र से बचकर स्वदेश पहुंची एक भारतीय छात्रा ने बुधवार को आपबीती सुनाई कि पोलैंड में दाखिल होने की अनुमति देने से पहले यूक्रेनी सैनिकों ने बेहद अजीब बर्ताव करके उस जैसे कई मेडिकल विद्यार्थियों को मानसिक रूप से परेशान किया। 
यूक्रेनी सैनिकों ने ‘‘कठपुतली की तरह’ इस्तेमाल किया 
छात्रा के मुताबिक जान बचाकर भारत लौटने की जद्दोजहद में जुटे इन विद्यार्थियों को यूक्रेनी सैनिकों ने ‘‘कठपुतली की तरह’’ इस्तेमाल करते हुए कभी हंसने, तो कभी ताली बजाने को कहा। यह छात्रा यूक्रेन के टर्नोपिल राष्ट्रीय चिकित्सा विश्वविद्यालय में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है। उसने इंदौर के देवी अहिल्याबाई होलकर हवाई अड्डे पर संवाददाताओं को बताया,‘‘टर्नोपिल शहर से पोलैंड की सरहद तक पहुंचने के लिए हम 50-60 मेडिकल विद्यार्थियों ने 26 फरवरी को किराये की बस का इंतजाम किया। लेकिन रास्ते में भारी यातायात जाम और अफरा-तफरी के कारण हमें इस सरहद से 45 किलोमीटर पहले ही बस से उतार दिया गया।’’ 
यूक्रेनी सैनिक हमें कभी खड़ा होने, तो कभी बैठने को कह रहे थे 
छात्रा ने बताया कि हड्डियां कंपा देने वाली ठंड झेलते हुए मेडिकल विद्यार्थी पैदल चलकर पोलैंड सरहद के पास पहुंचे लेकिन वहां तैनात यूक्रेनी सैनिकों ने उन्हें सीमा चौकी पार करने की तुरंत अनुमति नहीं दी। छात्रा ने याद करते हुए कहा,‘‘यूक्रेनी सैनिक हमें कठपुतली की तरह इस्तेमाल करते हुए कभी खड़ा होने, तो कभी बैठने को कह रहे थे। उन्होंने हमें ताली बजाने और हंसने को भी कहा।’’
उन्होंने हालांकि बताया कि बाद में छात्राओं को तरजीह देते हुए मेडिकल विद्यार्थियों को पोलैंड की सीमा में दाखिल होने की अनुमति प्रदान कर दी गई जिसके बाद वे भारत सरकार के ‘‘ऑपरेशन गंगा’’ के तहत स्वदेश लौटे। यूक्रेन से पोलैंड होते हुए भारत लौटने वाली एक अन्य मेडिकल छात्रा ने बताया,‘‘युद्ध की आशंका को देखते हुए भारत सरकार ने परामर्श जारी कर हमें स्वदेश लौटने को कहा था। लेकिन यूक्रेन में हमारे विश्वविद्यालय में तब अहम पढ़ाई चल रही थी और विश्वविद्यालय की अनुमति के बिना हम भारत नहीं आ सकते थे।’’ 
भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारों की गूंज 
अधिकारियों ने बताया कि दोनों छात्राओं समेत यूक्रेन में पढ़ रहे छह मेडिकल विद्यार्थी स्वदेश वापसी के बाद इंदौर पहुंचे। उन्होंने बताया कि ये विद्यार्थी इंदौर, उज्जैन और झाबुआ जिलों के रहने वाले हैं। चश्मदीदों ने बताया कि इंदौर के हवाई अड्डे से बाहर निकलते ही इनमें से कुछ विद्यार्थी अपने परिजनों से लिपटकर भावुक हो गए। भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारों के बीच इंदौर के सांसद शंकर लालवानी और उज्जैन के सांसद अनिल फिरोजिया ने गुलदस्ते भेंट कर इन विद्यार्थियों का स्वागत किया।
Advertisement
Advertisement
Next Article